सिंहस्थ कुंभ मेले में आँधी-तूफान के बाद साधु-संतों के आश्रमों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को स्वयं जाकर श्रमदान किया। चिलचिलाती धूप एवं भीषण गर्मी में मुख्यमंत्री को पसीने में सना देखकर साधु-संत द्रवित हो गए। उन्होंने सेवाभावी मुख्यमंत्री को गले से लगाया और छाया में बिठाकर जलपान करवाया।

महंत श्री नृत्यगोपाल दास के आश्रम में पहुँचने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को बिठाकर बातचीत की और फल आदि प्रसादी में दिए। इसी प्रकार रावतपुरा सरकार धाम में संत श्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी कुटी में सुस्ताने को कहा और मुख्यमंत्री से चर्चा की। हंडिया उत्तरप्रदेश के संत रामनारायण दास, कोटा के हरिनारायण दास, गौरेदाऊ नगर के राधे-राधे बाबा ने मुख्यमंत्री को प्रसादी देकर जलपान करवाया। गिरनार गुजरात के संत रामपदारथ दास ने हिमालय क्षेत्र का मेवा प्रसाद के रूप में प्रदान किया।

जनकपुर धाम के महंत रामरोशन दास एवं वृन्दावन धाम के साधु रामरायदास ने अपने आश्रम में कठोर श्रम करते देख मुख्यमंत्री श्री चौहान को छाँव में आने को कहा और शीतल जल पिलाया। महात्माओं का कहना था कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का भी जोर नहीं है। आपदा के समय में मुख्यमंत्री स्वयं तेज धूप में यहाँ श्रमदान कर रहे हैं, जो उनके दायित्व बोध, समर्पण एवं संतजनों के प्रति गहरी आस्था को प्रकट करता है।

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