ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुई एक बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में ग्वालियर जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने कहा है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है। न्यायालय ने उसे अपहरण बलात्कार पास्को एक्ट और हत्या में यह सजा सुनाई है। दरअसल पनिहार थाना क्षेत्र के नयागांव इलाके में रहने वाली एक बालिका जिसकी उम्र साढे सात साल थी वह 4 जुलाई 2017 को पास के ही स्कूल में पढ़ने गई थी लेकिन बालिका जब देर शाम तक नहीं लौटी तो उसके परिवार ने खोजबीन शुरू की। अगले दिन 5 जुलाई को बालिका की क्षत-विक्षत लाश एक पाटौर के बाहर पड़ी मिली बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें हत्या और बलात्कार की पुष्टि हुई। आखरी वक्त पर रामसेवक नामक ग्रामीण ने उसे चचेरे भाई मनोज प्रजापति के साथ देखा था जब पुलिस ने मनोज प्रजापति से पूछताछ शुरू की तो वह हड़बड़ा गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर मनोज ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पनिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से वह जेल में है। आज बुधवार को मनोज को जेल से न्यायालय लाया गया था एडीजे कोर्ट मनोज के खिलाफ अपहरण बलात्कार साक्ष्य छुपाने और हत्या करने जैसे अपराधों को सिद्ध पाया और उसे हत्या तथा बलात्कार में मृत्युदंड साक्ष्य छुपाने और पास्को एक्ट में 10 और 7 साल की सजा के साथ ही 2000 के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय में सजा सुनाई जाते वक्त उसकी मां भी मौजूद थी। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसका बेटा अपनी चचेरी बहन के साथ इस तरह का घृणित कृत्य कर सकता है। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनोज की मां को भरोसा है कि उसके बेटे ने यह जघन्य कांड नहीं किया है।