भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपी विष्णुप्रसाद को पुलिस ने इंदौर संभाग के खंडवा से गिरफ्तार कर लिया है। उसे मोरटक्का के पास से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर बीस हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था और अलग-अलग बीस टीमें उसे पकड़ने के लिए जुटी हुई थीं। ऐसी जानकारी भी सामने आ रही कि आरोपी के परिवार ने उसकी लोकेशन के बारे में पुलिस की मदद की। जिसके बाद उसे 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जा सका। पुलिस अगर तत्काल सक्रिय होकर कार्यवाही करती तो शायद बच्ची जिन्दा बच जाती। पुलिस का बर्ताव आज भी पीडितों के साथ अच्छा नहीं है।
बच्ची के पडोस में ही रहने वाला युवक दरिंदगी की सारी हदें पार कर चुका था। रविवार सुबह करीब पांच बजे घर से 20 कदम की दूरी पर बच्ची को मृत स्थिति में उसके पिता ने नाले के किनारे देखा, जिसके बाद पुलिस ने शव बरामद किया। उधर इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कमलानगर थाने के सात पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। इनमें एक एएसआई, दो हवलदार और चार सिपाही शामिल हैं। आरोपी युवक फरार है, जिस पर आईजी योगेश देशमुख ने 20 हजार का इनाम घोषित किया है।
कमलानगर पुलिस के मुताबिक 10 वर्ष की लडकी नेहरू नगर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूुट ऑफ फारेस्ट मैनेजमेंट(आईआईएफएम) के सामने बनी बस्ती में अपने परिवार के साथ रहती थी। उसका पिता कबाडे का धंधा करता है। शनिवार रात करीब 8 बजे बच्ची घर के पास किराना दुकान में नानी के लिए गुटखा लेने गई थी। लेकिन इसके बाद अचानक लापता हो गई। बस्ती के लोगों के मुताबिक 9 बजे तक बच्ची का पता नहीं चलने पर परिजनों के पडोसियों के साथ मिलकर उसकी तलाश शुरू की।
बस्ती के शहजाद खान ने बताया कि रात 9ः30 बजे पुलिस से मदद मांगने के लिए डायल-100 पर फोन लगाया,लेकिन पुलिस नहीं आई। रात 10 बजे वे लोग घटना की सूचना देने के लिए कमलानगर थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उनकी फरियाद को गंभीरता से नहीं लिया। थाने में मौजूद रूपसिंह नाम का सिपाही नशे में था। उसने बच्ची की उम्र पूछने के बाद कहा कि किसी के साथ भाग गई होगी। तुम घर जाओ,वह अपने आप लौट आएगी। इस बात का पता चलने पर स्थानीय पार्षद मोनू सक्सेना थाने पहुंचे। घटना की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आते ही पुलिस सक्रिय हुई। इसके बाद रात भर बच्ची की सर्चिंग शुरू की गई।
रात भर बच्ची का कुछ पता नहीं चला। सुबह करीब 5 बजे बच्ची का पिता घर के बाहर निकला। उसने देखा कि घर से महज 20 कदम दूर उसकी लाडली का शव गटर के चेंबर पर रखे पत्थर पर रखा था। उसके सिर और गले पर चोट का निशान था। बच्ची का शव बरामद होने और उसके साथ दुष्कर्म की आशंका का पता चलते ही आईजी योगेश देशमुख, डीआईजी इरशाद वली सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।
किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा : दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बच्ची को वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को न्याय दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। – कमलनाथ, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री व गृहमंत्री इस्तीफा दें : उज्जैन और भोपाल में मासूम बच्चियों के साथ हुई घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। कांग्रेस का राज अब जंगलराज में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। -गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
कब तक जिंदा रहेंगे ये दरिंदे : पिछली सरकार ने 4 दिसंबर 2017 में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा का कानूनी प्रावधान किया था। कानून बनने के बाद अब तक 26 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन सभी मामले अब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास लंबित हैं।

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