सतना 24 फरवरी। मध्यप्रदेश में सतना जिले के चित्रकूट से 12 फरवरी को अगवा किए गए दो जुड़वां भाइयों श्रेयांश और प्रियांश की कल 23 फरवरी को हत्या कर दी गई। हाथ बंधे दोनों के शव उत्तरप्रदेश के बांदा में नदी के पास मिले। बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने दोनों बच्चों को सही सलामत छोडने के लिए एक करोड़ रुपए फिरौती मांगी थी। परिजन ने 25 लाख रुपए दे भी दिए थे। बच्चों के शव बरामद होने के बाद चित्रकूट में तनाव का माहौल है। कुछ जगहों पर यहां हिंसा भडक गई है। एहतियात के तौर पर यहां पुलिस के करीब डेढ़ हजार जवानों को तैनात किया गया है। बच्चों की उम्र छह साल थी। उनका घर उत्तरप्रदेश के चित्रकूट धाम (कर्वी) के रामघाट में था। बच्चों के पिता बृजेश रावत तेल व्यवसायी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि बच्चों ने अपहरणकर्ताओं को पहचान लिया होगा, इसलिए उन्होंने फिरौती मिलने के बाद भी उन्हें मार दिया।

दोनों बच्चे मध्यप्रदेश में चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढते थे। वे 12 फरवरी को दोपहर करीब एक बजे स्कूल की छुट्टी के बाद बस से घर लौट रहे थे। स्कूल परिसर में ही बाइक से आए दो नकाबपोश युवकों ने पिस्तौल दिखाकर बस को रोका और बच्चों को अगवा कर लिया था। यह वारदात सीसीटीवी में भी कैद हुई थी।
मप्र के जनसंपर्क मंत्री ने कहा- यह योगी सरकार की नाकामी
मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा भोपाल में कहा कि बच्चों की तलाश में उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान चल रहा था। अपराध उत्तरप्रदेश में हुआ है। यह वहां की भाजपा सरकार की नाकामी है। छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मामला फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। उत्तरप्रदेश सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

सतना जिले के चित्रकूट के बहुचर्चित दो बच्चों के अपहरण कांड में आज सुबह अत्यंत दर्दनाक खबर सामने आई,घटना में अपहृत फोनो बच्चों प्रेयांश-श्रेयांश के शव आज उत्तरप्रदेश के बाँदा जिले की एक नदी में पाए गए हैं। बांदा जिले में दोनों बच्चों के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। दोनों बच्चों के शव की सूचना मिलने पर पूरे चित्रकूट क्षेत्र में हिंसा भडक गई है। 12 फरवरी को कट्टे को नोक पर दिन दहाडे शिवांग देवांग नाम के जुडवा भाइयो का हुआ था अपहरण था।

चित्रकूट में तनाव की स्थिति बनी हुई है। आक्रोसित भीड सडकों पर निकल पडी है। बेकावू भीड ने एफएसएल का वाहन तोड दिया तथा पुलिस पर पथराव किया जिसमें पुलिसकर्मी घायल हो गए है। हिंसक भीड पर काबू पाने के लिए पुलिस भी आश्रुगैस के गोले दाग रही है। एक तरफ लोगों का पुलिस के प्रति आक्रोश है तो दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के प्रति भी नाराजगी है। कहा जब बच्चो को खोजना था तब सरकार पुलिस के तबादले में जुटी थी ।

मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि स्कूली बच्चों का अपहरण एक बडी गंभीर घटना थी लेकिन शासन प्रशासन ने लापरवाही बरती और नतीजा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। बच्चों के माता-पिता और बच्चे भी भयभीत है। 12 दिन में सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है। भार्गव ने मांग की है िकइस मामले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।

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