इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि महिलाएं मासिक धर्म के दौरान मंदिर न जाए, अगर वह मंदिर गई तो उनके सोटा पडेगा। विवाद के कारण कैलाश विजयवर्गीय की पहचान है। कैलाश पिछले लंबे समय से इंदौर की सुर्खियों से बाहर थे। आज मौका मिला तो चौका मार दिया। पित्रेश्वर हनुमान धाम की महा प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में आयोजित बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को टारगेट करते हुए एक अनावश्यक बयान दिया ताकि वह विवादित हो जाए और कैलाश विजयवर्गीय हेडलाइंस में आ सकें।

मध्यप्रदेश के इंदौर में पितृ पर्वत पर पितरेश्वर हनुमानधाम बनकर तैयार हो गया है जिस पर 72 फीट ऊंची व 72 फिट चौड़ी अष्टधातु की हनुमानजी की प्रतिमा तैयार हो गई है। विश्व की सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा का महाप्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 24 से 28 फरवरी के बीच होगा। इसके चलते रवींद्र नाट्यगृह में एक बैठक हुई जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, देवास सांसद महेंद्र सोलंकी, अन्ना महाराज, दादू महाराज, रामगोपालदास महाराज, राधे-राधे बाबा, कृष्णमुरारी मोघे, विधायक रमेश मेंदोला व आकाश विजयवर्गीय व कई लोग मौजूद थे।

श्री राम भक्त हनुमान की प्रतिमा की महा प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में आयोजित बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने विषय और संदर्भ से बाहर जाते हुए बयान दिया। पहले तो कैलाश ने अपना गुणगान किया। बताया कि मैं जब मेयर था, तब ज्योतिष व वास्तु शास्त्रियों का सम्मेलन हुआ था। उस दौरान एक वास्तु शास्त्री ने कहा था कि शहर में पितृ दोष है। पश्चिम क्षेत्र हलका है, जिसे ठीक किया जाए। हमने वहां पितृ पर्वत का निर्माण किया, तब से शहर का लगातार विकास हो रहा है। इस तरह उन्होंने बताया कि उनके मेयर बनने से पहले इंदौर का विकास नहीं हो रहा था। इसके बाद उन्होंने विवादित बयान दिया। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महिलाओं को मासिक धर्म के समय मंदिर से दूर रहना चाहिए। वह शुद्धता का ध्यान रखें नहीं तो बजरंग बली का सोटा पड़ेगा। वह महोत्सव का हिस्सा न बनें।

यहां बता दें कि इंदौर की महिलाएं स्वच्छता और धर्म का मान रखती आई है। इसके लिए उन्हें किसी कैलाश विजयवर्गीय की मार्गदर्शन या चेतावनी की जरूरत नहीं है। महिलाएं तो वैसे भी हनुमान जी के मंदिरों में प्रवेश नहीं करती। वह केवल मंदिर के परिसर में उपस्थित रहती है। क्योंकि वह जानती है श्री राम भक्त हनुमान महिलाओं को माता मानते हैं और कोई भी माता अपने पुत्र चरण स्पर्श नहीं करती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *