मुंबई. मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को शुक्रवार को मुंबई की स्पेशल एनआईए कोर्ट से राहत मिली। कोर्ट ने संसद की कार्यवाही चलने तक उन्हें अदालत में पेशी से छूट दे दी।

3 जून को कोर्ट ने प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को हर हफ्ते पेश होने का आदेश दिया था। प्रज्ञा ने पेशी से छूट को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में प्रज्ञा की ओर से कहा गया कि वह अब सांसद बन गई हैं, लिहाजा उन्हें हफ्ते में एक दिन के लिए भी कोर्ट आने के आदेश से हमेशा के लिए छूट दी जाए। कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया था। याचिका खारिज हो जाने के बाद शुक्रवार को उनके वकील की ओर से मौजूदा संसद सत्र को लेकर पेशी से छूट मांगी गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

दिग्विजय सिंह को हरा सांसद बनी हैं प्रज्ञा

प्रज्ञा ने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर भोपाल सीट से लड़ा और इस सीट पर उन्होंने मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को हराया।

जज के सवालों पर प्रज्ञा ने दिया था जवाब

इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर 7 जून को एनआईए कोर्ट में पेश हुईं थी। इस दौरान जज ने उनसे दो सवाल पूछे। जिसका उन्होंने, ‘मुझे नहीं पता’ कहकर जवाब दिया। प्रज्ञा से विशेष एनआईए कोर्ट के जज ने पूछा, “क्या आप जानती हैं या आपके वकील ने आपको इस बारे में बताया है कि अभियोजन पक्ष ने अब तक कितने गवाहों की जांच की है?” इस पर प्रज्ञा ने कहा,” मुझे नहीं पता।”

जज ने दूसरा सवाल पूछा, “अब तक जांच में गवाहों ने कहा है कि 29 सितंबर 2008 को एक धमाका हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। आपका क्या कहना है?” इस पर भी प्रज्ञा ने जवाब दिया, “मुझे नहीं पता।”

मालेगांव धमाके में 7 लोग मारे गए थे
29 सितंबर 2008 में मालेगांव धमाके में 7 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। सरकार ने मामले की जांच एटीएस को सौंपी थी। 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। 3 आरोपी फरार दिखाए गए थे। बाद में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी।

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