हिंद महासागर के देश मालदीव में चीन की बढ़ती गतिविधियों ने अमेरिका को परेशान कर दिया है। मालदीव में बड़े पैमाने पर जमीन हथियाने में चीन के शामिल होने के आरोपों के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शनिवार को इस पर चिंता जताई है। पेंटागन ने जोर दिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र व खुले नियमों को लेकर अमेरिका प्रतिबद्ध है, ऐसे में यहां कुछ भी अलग होता है तो वह अमेरिकी चिंता का कारण होगा। दक्षिण-र्पू्व एशिया के रक्षा मामलों के सहायक सचिव जो-फेल्टर ने कहा, हम मालदीव में चिंताजनक विकास होते देख रहे हैं और इसमें चीन का शामिल होना हमारे लिए चिंता का विषय है। हाल ही में मालदीव के एक पूर्व मंत्री अहमद नसीम ने चीन पर मालदीव में जमीन हथियाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर इस स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो भारत और अमेरिका दोनों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
पेंटागन के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मालदीव में चीनी प्रभाव की स्थिति भारत के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी चिंताजनक है। अब देखना यह है कि इससे कैसे निपटा जाए। यह हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि भारत इन चिंताओं को साझा करता है भी या नहीं। यहां भारत-चीन में भी समय-समय पर विवाद की स्थिति बनती रही है। मालदीव के साथ भारत के रिश्तों में उस वक्त तनाव आ गया, जब वहां के राष्ट्रपति ने फरवरी में मालदीव के भीतर आपातकाल घोषित कर दिया था।