ग्वालियर। गुना-इटावा रेलवे टैªक के रास्ते में मिलने वाले उत्तरप्रदेश के उदी स्टेशन के पास 7 जून की शाम को मालगाडी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। इससे लगभग तीस मीटर का रेलवे टैªक क्षतिग्रस्त हो गया। उसे ठीक करने के लिए झांसी मण्डल का तकनीकी दल मौके पर पहंुच गया है। उत्तरप्रदेश के इटावा से एक मालगाडी रेलवे टैªक पर गिट्टी डालने के लिए पहुंची वह जब वापस इटावा जा रही थी उस समय उसकी गति तेज होने के कारण मालगाडी के 6 व 7 नम्बर के डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि इसमें किसी भी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है।
मालगाडी के चालक एसके आनंद ने मालगाडी के डिब्बे पटरी से उतर जाने की सूचना तत्काल ग्वालियर और झांसी मण्डल के अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर रेलवे के बचाव दल मौके पर पहुच गया है और क्षतिग्रस्त टैªक को ठीक किया गया।
मालगाडी के पटरी से उतरने की वजह स्पीड को बताया जा रहा है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि अनलोडिंग के दौरान उत्तरप्रदेश के बाह ट्रैक से चालक मालगाडी को उल्टी बैक कर रहा था। उसी समय यह हादसा हुआ। मालगाडी की स्पीड 8 किमी प्रति घण्टा होना चाहिए थी, लेकिन स्पीड 13 किमी प्रति घण्टा थी। इस कारण 2 डिबबे पटरी से नीचे उतर गए। और टैªक को नुकसान हुआ है। हालांकि चालक एसके आनंद का कहना था कि मालगाडी की रतार 10 किमी प्रति घण्टा थी। रेलवे के अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे है।
भिण्ड-इटावा रेल ट्रैक पर वर्ष 2002 में काम शुरु हुआ था। फरवरी 2014 में काम पूरा हुआ। चंबल नदी के 6वें पिलर में दरार के कारण टेªन नहीं चल सकी। 5 व 30 दिसंबर 2014 को सीआरएस पीके वाजपेयी ने निरीक्षण किया। टैªक पूरा होने पर 13 साल बाद 22 मार्च को पहली बार इस टैªक पर मालगाडी को शुरु किया गया। अभी यात्री गाडी को शुरु नहीं किया गया है।
उत्तर-मध्य रेल मण्डल झांसी के पीआरओ रवि प्रकाश ने बताया कि 7 जून को शाम को मालगाडी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। जिससे रेलवे टैªक क्षतिग्रस्त हो गया था। क्षतिग्रस्त टैªक कल ठीक कर दिया गया है। पटरी से डिब्बे कैसे उतर गए इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद कारण स्पष्ट हो पायेगा।