भोपाल. खरगोन (khargon) में रामभक्तों के साथ मारपीट करने वाले अफसरों के खिलाफ शासन बीजेपी नेता की शिकायत बाद एक्शन ले पाया. कैलाश विजयवर्गीय सहित लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद खरगोन के संयुक्त कलेक्टर और एसडीओपी हटाए गए. विजयवर्गीय ने तो उस घटना का वीडियो (video) भी ट्वीट किया था.
खरगोन में राम मंदिर (ram mandir) भूमि पूजन (bhumi pujan) का जश्न मनाने के दौरान राम भक्तों के साथ मारपीट करने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर सरकार की गाज गिरी है. आदेश के मुताबिक खरगोन के संयुक्त कलेक्टर और एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. राज्य शासन की ओर से जारी आदेश में खरगोन के संयुक्त कलेक्टर अभिषेक गहलोत को मंत्रालय अटैच किया गया है जबकि एसडीओपी ग्लेडविन एडवर्डकार को भी हटाकर PHQ भेज दिया गया है. दोनों अधिकारियों पर हुई कार्रवाई को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि इस तरह का व्यवहार किसी भी अधिकारी से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रथम दृष्टया संयुक्त कलेक्टर और एसडीओपी मामले में दोषी थे लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
राम मंदिर भूमिपूजन का जश्न मनाते युवकों के साथ मारपीट का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी और सरकार पर सवाल उठाए थे. इतना ही नहीं सरकार के लिए मुसीबत तब हो गई जब खुद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल कर दिया था. उन्होंने एमपी पुलिस की तुलना बंगाल पुलिस से करते हुए लिखा था कि नरोत्तम जी अपनी पुलिस को समझाइश दीजिए.
5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान जब पूरा देश जश्न मना रहा था खरगोन में भी कुछ युवक अपनी खुशी का इज़हार कर रहे थे. वो सड़क पर पटाखे फोड़ कर खुशियां मना रहे थे. उसी दौरान वहां पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने न केवल उन्हें रोका बल्कि उनके साथ मारपीट भी कर दी इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने वहां बाजार बंद करने का फैसला कर लिया था मामला बढ़ते देख सरकार ने पूरी घटना पर संज्ञान लिया और एसडीओपी और संयुक्त कलेक्टर को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए.