बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि अगर सीटों की सम्मानीय संख्या मिलती है तो ही वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके कहा, ‘बसपा को अगर सीटों की सम्मानीय संख्या मिलती हैं तो वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी।’ बता दें, उनकी प्रतिक्रिया उस वक्त आई है, जब ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि उन्होंने कांग्रेस से मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ चुनाव में गठबंधन करने के लिए कहा है।

बसपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में भी अलग-अलग मत हैं। हालांकि, कांग्रेस का मानना है कि बसपा के साथ गठबंधन से मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव में फायदा मिलेगा। वहीं कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सचिन पायलट ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस पार्टी किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी।

अभी मायावती की कांग्रेस पार्टी से नजदीकियों को लेकर काफी चर्चा है। हालही में मायावती ने राहुल गांधी को ‘विदेशी मां की औलाद’ बताने वाले जयप्रकाश सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया है कि पार्टी में परिवारवाद, जातिवाद के साथ व्यक्तिगत स्वार्थ, व्यक्तिगत लांछन व छींटाकशी करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

मायावती ने कहा कि बसपा में अनुशासनहीनता को ना तो पहले कभी बर्दाश्त किया है और ना ही आगे कभी इसे सहन किया जाएगा। इसीलिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व नेशनल कोआर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह को पहले सभी पार्टी पदों से हटाया गया और अब बसपा से भी निकाल दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत तौर पर आक्षेप करते हुए उन्हें ‘गब्बर सिंह भी कहा था। पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि बसपा को सत्ताधारी पार्टी भाजपा कतई नहीं बनने देना है, जो सत्ता के लालच व अहंकार में आकर मर्यादाओं की हर सीमा को लांघने में लगी हुई है। हालांकि जयप्रकाश को बाहर का रास्ता दिखाने की कार्रवाई तब की गई, जब कांग्रेस ने इसकी आलोचना की।

क्या था पूरा मामला-
मायावती ने हाल ही में जयप्रकाश सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दिए बयान के चलते उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर पद से हटा दिया था। जयप्रकाश सिंह ने बयान दिया था कि राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं क्योंकि उनकी मां विदेश मूल की हैं। जिसके बाद मायावती ने कहा था, ‘मुझे बीएसपी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला है जो बीएसपी की विचारधारा के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने विरोधी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की है। क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, उन्हें पार्टी के पद से फौरन प्रभाव से हटाया जा रहा है।’

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