जबलपुर। मध्य प्रदेश के मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर के नगर निगम कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए 2 मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। एसपी जबलपुर को आदेशित किया गया है कि वह नगर निगम कमिश्नर को दिनांक 25 फरवरी 2021 को मानवाधिकार आयोग की बेंच के सामने प्रस्तुत करें। जिन मामलों में वारंट जारी हुआ उनमें पहला अतिक्रमण तोड़ने के दौरान मानव जीवन को संकट में डालना और दूसरा गंदगी के कारण डेंगू मलेरिया होने से मानव जीवन को संकट बताए गए हैं।
मानवाधिकार आयोग 2 साल से जवाब मांग रहा था
जानकारी के अनुसार मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन ने वर्ष 2019 के दो प्रकरणों में जबलपुर नगर निगम कमिश्नर से जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। बावजूद निगम कमिश्नर ने जवाब नहीं दिया और न ही व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित हुए। इस गुस्ताखी पर आयोग ने सख्ती दिखाई है। निगम कमिश्नर को 25 फरवरी तक आयोग के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया है। दोनों मामलों में पांच-पांच हजार रुपए का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। वारंट की तामीली कराने के लिए आयोग ने एसपी जबलपुर को 28 जनवरी को इस आशय का पत्र भेजा है।
अतिक्रमण के नाम पर पेयजल सप्लाई लाइन तोड़ दी
वर्ष 2019 में धनवंतरी नगर निवासी जेडी कबीरपंथी ने मप्र मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि नगर निगम जबलपुर द्वारा बिना पूर्व सूचना और पर्याप्त कारण के धनवंतरी नगर स्थित एचआईजी मकानों के रैम्प, कंजरवेंसी, सीवर चेम्बर, वाटर लाइन के कनेक्शनों को जेसीबी मशीन से तोड़ दिया। आयोग ने इस मामले में निगम कमिश्नर से 23 अक्टूबर 2019 तक स्पष्टीकरण मांगा था। कई बार रिमाइंडर भेजा गया। 23 अक्टूबर 2020 को आयुक्त को नामजद रिमाइंडर पत्र जारी किया। 16 दिसंबर तक आयोग के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस भी जारी किया। पर न तो जवाब भेजा और न ही व्यक्तिगत तौर पर वे उपस्थित हुए। इस मामले में पांच हजार रुपए का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए 25 फरवरी तक आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।
सफाई नहीं की, डेंगू मलेरिया का खतरा था
इसी तरह कैलाश दुबे ने नगर निगम क्षेत्र में सफाई नहीं होने से डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी फैलने की आशंका व्यक्त करते हुए शिकायत की थी। आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर से 20 दिसम्बर 2019 तक जवाब मांगा था। कई पत्र देने के बावजूद जवाब नहीं भेजा गया। 11 नवम्बर 2020 को कमिश्नर अनूप कुमार को नामजद रिमाइंडर पत्र जारी कर 16 दिसम्बर तक जवाब उपस्थित होकर प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया था। इस मामले में भी अब 25 फरवरी तक आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस और पांच हजार रुपए का जमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।