भिण्ड ।     प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिये सरकार कई योजनायें चला रही है, इन योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से होना चाहिये। भिण्ड जिले में अब मातृ एवं शिशु की मृत्यु होती है तो इसके लिये एएनएम, एमपीडब्ल्यू से लेकर ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यवाही के दायरे में आयेंगे। सभी अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से करें। यह बात एनआरएचएम की संचालक डॉ. एम गीता ने भिण्ड के जिला पंचायत के सभागार में एएनएम, एमपीडब्ल्यु एवं बीएमओ की बैठक में कही। बैठक में एनआरएचएम के डायरेक्टर डॉ. जेएल मिश्रा, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अजय खरे, एनआरएचएम के फायनेंस मैनेजर दिनेश वर्मा, सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. एनसी गुप्ता और बीएमओ डॉ. डीके शर्मा मौजूद थे।
बैठक के पूर्व डॉ. एम. गीता ने मालनपुर, गोहद, मेहगांव, अटेर और भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद में पदस्थ डॉ. जेपी गुप्ता द्वारा रोगियों को बाजार से दवा लिखने के कारण उन्हें तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिये। डॉ. एम. गीता ने मालनपुर, गोहद, मेहगांव, अटेर के अस्पताल में गंदगी पर नाराजगी जताई और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।

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