रतलाम। मुंगवली विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद सिंह कालूखेड़ा को उनके पैतृक गांव में बुधवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शवयात्रा में कंधा दिया। दूर-दूर से उनके समर्थक और पूरा गांव उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष अजय‍ सिंह, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सहित कई सांसद, पूर्व विधायक और मंत्री भी यहां पहुंचे थे।
राजनीति में बुलंदियां हासिल करने वाले महेंद्रसिंह का जन्म 5 मार्च 1945 को गुजरात के ग्राम लीमड़ी पंचमहल में मोहनसिंह के यहां हुआ था। चार भाइयों में महेंद्रसिंह सबसे बड़े थे। इनसे छोटे महिपाल सिंह चंद्रावत इंदौर में निवासरत है। तीसरे भाई नरेंद्रसिंह चंद्रावत पुलिस (महू थाना प्रभारी) थे और वर्ष 1996 में शहीद हो गए।
सबसे छोटे केके सिंह कालूखेड़ा मंडी बोर्ड भोपाल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर वर्तमान में आईजीसीआर प्रदेश अध्यक्ष है। महेंद्रसिंह की दो पुत्रियां हैं। बड़ी पुत्री गरिमासिंह का विवाह हो गया है और वे अमेरिका में रहती है। छोटी पुत्री कनककुंवर अमेरिका में ही जॉब करती है। भानेज कीर्तिशरणसिंह उनका कामकाज संभालते हैं। माताप्रसाद शर्मा निजी सचिव और पारिवारिक सदस्य है।

6 बार विधायक, 4 बार मंत्री व 1 बार सांसद रहे
करीब साढ़े चार दशक के राजनीति जीवन में प्रदेश के कांग्रेस शासनकाल में 4 बार कैबिनेट मंत्री, 6 बार विधायक और 1 बार सांसद रहे कालूखेड़ा को राजमाता विजयराजे सिंधिया संविद सरकार के समय ग्वालियर ले गई, जहां वे माधवरासिंह सिंधिया के संपर्क में आए। पायलेट की ट्रेनिंग कर एयरफोर्स में चयनित हुए कालूखेड़ा को माधवराव ने राजनीति में प्रवेश कराया। 1972 में महेंद्रसिंह ने अशोकनगर सीट पर जनसंघ के टिकट पर विधायक का पहला चुनाव जीता।

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