इंदौर। पिछले 10 माह से झाबुआ और इंदौर जिला जेल में बंद एक महिला कैदी के गर्भवती होने का मामला प्रकाश में आने के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जेल मुख्यालय ने छुट्टी होने के बावजूद रविवार को ही झाबुआ और इंदौर जेल से रिपोर्ट मांगी। डीजी जेल ने झाबुआ कलेक्टर को भी मामले की जांच सौंप दी है। राज्य महिला आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दोनों जेल से रिपोर्ट मांगी है।

मप्र के झाबुआ जिले की मेघनगर निवासी 35 वर्षीय महिला कैदी सास की हत्या के आरोप में 18 जनवरी से झाबुआ जेल में बंद है। तब से वह बिलकुल खामोश है। मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान नहीं दिया तो उसे इलाज के लिए इंदौर एमवाय अस्पताल भेजा गया। 16 अक्टूबर को जब इंदौर आई तो जांच के दौरान पता चला कि वह गर्भवती है। इस घटना के बाद झाबुआ व इंदौर जिला जेल के साथ-साथ उसे झाबुआ से इंदौर लाने-ले जाने वाले सिपाही सहित सारी व्यवस्था संदेह के घेरे में आ गई है। महिला ने शनिवार देर रात सिर्फ एक बार अपनी जबान खोली और कहा- ‘क्या बोलूं, किस-किस का नाम लूं?’ अस्पताल के मनोरोग विभाग के उस कमरे में जिसने भी अब तक उसकी खामोशी महसूस की थी, वे इन चंद लफ्जों से हिल गए। मौजूद स्टाफ ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया वह बोलती तो कुछ नहीं है, लेकिन जेल का नाम सुनते ही वह सिहर उठती है। रिपोर्ट में महिला को डेढ़ माह का गर्भ बताया गया है और इंदौर से झाबुआ डेढ़ माह पहले ही लौटी थी।

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