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ग्वालियर । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजीविका मिशन की स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्री ब्राण्डेड कंपनियों से कम नहीं है। इनके द्वारा बनाई गई सामग्री पूर्ण रूप से शुद्ध होने के साथ-साथ मिलावटी नहीं है। स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों की इंटरनेशनल मार्केटिंग की जाएगी। आजीविका मिशन सेल्प-हेल्प गु्रप (स्वसहायता समूह) प्रदेश में अदभुत संगठन बन रहा है। इन समूहों को बैंको से जोड़ा जा रहा है। इनके द्वारा निर्मित साबुन एवं अन्य उत्पादों को वे प्रदेश में ब्राण्ड एम्बेसडर बनकर प्रचार करेंगे। स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए महानगरों में स्थित बिग बाजार जैसे मॉल में भी स्थान देकर बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ग्वालियर संभाग के शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील मुख्यालय पर स्वसहायता समूह एवं हितग्राही सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं में 7 हजार 643 हितग्राहियों को 15 करोड़ 60 लाख की सहायता राशि प्रदाय की। इस दौरान जिले के प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय पर 40 लाख की लागत से बनने वाले आजीविका भवन सहप्रशिक्षण केन्द्र का भी भूमिपूजन किया। सम्मेलन में जलसंसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजू बाथम, विधायक पोहरी प्रहलाद भारती, हजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर दयाल शर्मा, म.प्र.भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी, पूर्व विधायगण भैया साहब लोधी, देवेन्द्र जैन, नरेन्द्र बिरथरे, ओमप्रकाश खटीक, वीरेन्द्र रघुवंशी, माखनलाल राठौर, रमेश खटीक, पूर्व विधायक एवं नगर पालिका परिषद गुना के अध्यक्ष राजेन्द्र सालुजा, कलेक्टर तरूण राठी, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाण्डे सहित जनप्रतिनिधि, स्वसहायता समूहों की महिला सदस्य, हितग्राही एवं जनसामान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों का सम्मेलन इसके पूर्व भोपाल में आयोजित किया जा चुका है। इस प्रकार के सम्मेलन सभी जिलों में आयोजित होगें। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा जो सामग्री एवं उत्पाद बनाए गए है। वे गुणवत्ता के मामले में ब्राण्डेड कंपनियों के उत्पादों से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन की महिलाओं द्वारा जो साबुन निर्मित किया गया है। उस साबुन में समूहों की महिलाओं की मेहनत एवं पसीने की खुशबू है, जबकि ब्राण्डेड कंपनी द्वारा निर्मित साबुनों में यह चीज नहीं है। चौहान ने कहा कि स्वसहायता समूह की महिलाओं के द्वारा मूंगफली की चिक्की, एलईडी बल्ब एवं बदरवास के आस-पास जो सुंदर जैकेटों का निर्माण किया जा रहा है, अगर इन जैकेटों की सही मार्केटिंग की जाए, तो ये जैकेटे पूरी दुनिया में छा जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूहों के माध्यम से निर्मित सामग्री से प्राप्त होने वाली राशि से महिलाओं के परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवपुरी जिले के स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित मूंगफली की चिक्की स्कूलों के साथ-साथ छात्रावासों में भी क्रय की जाएगी। स्वसहायता समूहों को लगने वाला ब्याज 03 प्रतिशत कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना बनाकर प्रदेश में जन्म लेने वाली प्रत्येक बालिका को लाडली लक्ष्मी बनाया। प्रदेश में अभीतक 26 लाख लाडलियों को 31 हजार करोड़ की राशि के स्वीकृति पत्र प्रदाय किए गए है, जो शादी के वक्त प्रत्येक लाडली को 01 लाख 18 हजार रूपए की राशि प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें, गणवेश, साइकिलें देने के साथ-साथ गांव की बेटी योजना में 05 हजार रूपए की राशि कॉलेज में प्रवेश लेने पर प्रदाय की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सभी क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने हेतु पंचायतों एवं नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग में भी शिक्षकों के 50 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की नियुक्ति होगी। जबकि अन्य विभागों में 33 प्रतिशत रिक्त पदों पर महिलाए होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 12वीं में 70 प्रतिशत अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में लगने वाली फीस राज्य शासन भरेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि योजनाओं की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं के साथ दूराचार करने वाले व्यक्तियों को फांसी की सजा मिले इसके लिए विधेयक तैयार किया गया है।
जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के किसी भी जिले में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले कन्यापूजन कर कन्याओं के चरणों के पानी को अपने माथे से लगाते है, जिससे उन्हें ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मां, महात्मा एवं परमात्मा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बेटी के जन्म से लेकर उसकी शादी की चिंता कर अनेको योजनाए बनाई है।

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