मुलताई ! प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर ने सोमवार को एक महिला को जिंदा जलाने वाले एक आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं 50 हजार रु्पए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। आरोपी को मृतक महिला ने शादी करने से मना कर दिया था, जिसके चलते शराब के नशे में केरोसीन डालकर आरोपी ने महिला को जिंदा जला दिया था।
सरकारी वकील भोजराज सिंह रघुवंशी ने बताया कि आमला थाने के ग्राम पोही में 11 अक्टूबर 2014 को आरोपी गुड्डू पिता कंपूलाल मिल्लोबाई के घर गया और उससे शादी करने की बात कही। मिल्लोबाई पहले से शादी-शुदा थी और उसकी 5 लड़कियां और एक लडक़ा था। उसके पति का देहांत हो गया था। जिसके चलते मिल्लोबाई ने गुड्डू को शादी से मना कर दिया था। जिससे आक्रोशित गुड्डू जो शराब के नशे में था, उसने केरोसीन डालकर मिल्लोबाई को जिंदा जला दिया था और जिसके बाद मिल्लोबाई की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने आरोपी गुड्डू के खिलाफ धारा 450, 302 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया था। न्यायाधीश एमएस तोमर ने गुड्डू को दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने जुर्माने की राशि मृतिका के बच्चों को देने के आदेश भी दिए है। न्यायालय ने फैसले में लिखा है कि बच्चों के पिता की मौत पहले ही हो चुकी है, वहीं उनकी मां जो उनकी एकमात्र पालक थी, उसकी भी हत्या हो चुकी है। ऐसे में अब राज्य का दायित्व है कि बालक-बालिकाओं को समुचित शिक्षा प्रदत्त करे और अच्छे से जीवन व्यतीत कर सकें। न्यायालय द्वारा इसको लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग भोपाल को भी पत्र लिखने के आदेश दिए है। अध्यक्ष पीडि़त प्रतिकर योजना बैतूल को भी पत्र लिखकर तात्कालिक सहायता मृतिका के बच्चों को उपलब्ध कराने के आदेश दिए है।

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