भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय वन सेवा के अधिकारी रहे आजाद सिंह डबास ने राजगढ़ मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है। इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव एवं आईएएस एसोसिएशन को भी भेजी है। डबास का कहना है कि जो कुछ हुआ और जो कुछ हो रहा है ठीक नहीं है।

आजाद सिंह डबास ने कहा कि मैं एफआईएस (IFS) अधिकारी रहा हूं। अपनी सेवा के दौरान अधिकारियों के साथ आईएएस-आईपीएस का भी आचरण मैंने देखा है। आईएएस (IAS) का बहुत ही गरिमामय पद होता है। राजगढ़ कलेक्टर का आचरण मुझे दूर-दूर तक ठीक नहीं लगा। उन्होंने कहा कि एक नेता का कॉलर पकड़ना, दूसरे नेता को थप्पड़ मारना, एसआई को थप्पड़ मारना, पटवारी को थप्पड़ मारना… कलेक्टर का काम थप्पड़ मारना नहीं है। आजाद सिंह डबास ने कहा कि नेताओं को कर्मचारियों को थप्पड़ मारना क्या यह कलेक्टर का काम है।

उन्होंने कहा कि जब थप्पड़ मारा जा रहा था, यदि उसकी प्रतिक्रिया हो जाती तो, क्या होता। उन्होंने कहा कि कलेक्टर नई हैं और वह जानती नही हैं कि भीड़ का रिएक्शन क्या होता है। उन्होंने कहा कि यदि भीड़ का रिएक्शन हो जाता, कलेक्टर को लग जाती तो, वहां गोली चालन हो जाता। लॉ एंड ऑर्डर की बहुत ही गंभीर स्थिति पैदा हो जाती। उन्होंने कहा कि कलेक्टर की नादानी और नासमझी के कारण गोली चलती तो, कितने लोग मरते उस भीड़ में। उन्होंने कहा कि अब उस घटना के बाद लगातार प्रतिक्रियाएं हो रही हैं। कलेक्टर इन्हीं में उलझे रहेंगे तो, प्रदेश का विकास कब करेंगे।

उन्होंने कहा कि मैंने पत्र में कई उदाहरण दिए हैं। कलेक्टरों के पूर्व बीजेपी सरकार में भी ऐसा होता रहा है। आजाद सिंह डबास ने कहा कि कलेक्टर का यह आचरण ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदसौर गोलीकांड क्या था, कलेक्टर की गलती थी, सरकार चली गई। मंदसौर में कलेक्टर के द्वारा स्थिति नियंत्रण नहीं की गई इसलिए गोली चालन हुआ। आजाद सिंह डबास ने कहा कि कांग्रेस सरकार में यह कलेक्टर जिस तरीके से नादानी कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि होशंगाबाद मे एक कलेक्टर एसडीएम को बुलाकर बंधक बनाता है, यह कलेक्टर का रोल है क्या। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी भावनाओं से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कलेक्टरों का आचरण पद की गरिमा के अनुसार नहीं है। मैंने चीफ सेक्रेटरी को भी लिखा है कि वह कलेक्टरों के लिए एडवाइजरी जारी करें। आईएएस एसोसिएशन को भी कलेक्टरों को समझाना चाहिए।

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