भोपाल । महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के शस्त्र लायसेंस और ड्रायविंग लायसेंस रद्द किए जायेंगे और उनके पासपोर्ट भी नहीं बनेंगे। उन्हें शासकीय नौकरी में भी नहीं रखा जाएगा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक में महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए। श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में गत दिवस की गयी घोषणाओं को समय-सीमा में पूर्ण करें।

गृह मंत्री ने कहा कि कॉल-सेंटर की स्थापना और बड़े शहरों के चौराहों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाने के लिए अतिशीघ्र कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कॉल-सेंटर में मिलने वाली शिकायत की सूचना तुरन्त संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाना प्रभारी को भी दी जाए। शिकायत करने वाले को की गयी कार्रवाई की जानकारी भी दी जाए।

गृह मंत्री ने संचालक मेडिको-लीगल संस्थान को निर्देशित किया कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के परीक्षण के संबंध में डॉक्टरों को संभाग स्तर पर प्रशिक्षण दिलवाये। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ छेड़खानी रोकने के लिए सभी जिलों में विशेष कार्य-दल बनाकर कार्यवाही की जाए। श्री गुप्ता ने कहा कि यह कार्यवाही सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहकर, सभी जिलों में की जाए।

गृह मंत्री ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया जाए कि वे जन-समस्या अभियान भी चलायें। इसमें स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को शामिल किया जाए। उन्होंने सभी गाड़ियों से काली फिल्म हटवाने के निर्देश भी दिए। बैठक में प्रभारी अपर मुख्य सचिव गृह श्री एम.एम. उपाध्याय, पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे, प्रमुख सचिव विधि-विधायी श्री के.डी. खान, संचालक लोक अभियोजन डॉ. अनिल पारे, मुख्यमंत्री के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी श्री सुधीर सक्सेना, ए.डी.जी. इंटेलीजेंस श्री विवेक जौहरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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