भोपाल। पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे ने प्रदेश के पुलिसकर्मियों से कहा है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए समाज में व्यापक रूप से जागरूकता पैदा करें। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के प्रबूद्धजन का अधिकाधिक सहयोग प्राप्त कर, अपराधियों को यथासंभव जल्दी से जल्दी कठोर सजा दिलाने के प्रयास हो। श्री दुबे ने प्रदेश के प्रत्येक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी से महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामलों में संवेदनशीलता के साथ अपने कर्त्तव्यों का कड़ाई से पालन करने को कहा।
पुलिस महानिदेशक ने आज भोपाल में पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा के सौजन्य से आयोजित राज्य स्तरीय सेमीनार में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों, उप पुलिस अधीक्षकों, परिवार परामर्श केन्द्रों के प्रभारियों, महिला-बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा मैदानी कार्यकर्ताओं और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को यह निर्देश दिए।
सेमीनार में अदम्य साहस के लिए भोपाल की सुश्री नीतू अग्रवाल, नीमच की सुश्री कमलाबाई गुर्जर और सुश्री छगनबाई चौधरी तथा विदिशा की पुलिस उप निरीक्षक सुश्री उषा मरावी को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुलिस महानिदेशक श्री दुबे ने सेमीनार में कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सम्पूर्ण समाज के लिए चिन्ता का विषय होना चाहिए। इसकी रोकथाम के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज और पुलिस अलग-अलग नहीं है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों मिलकर प्रयास करेंगे तो निश्चित ही अपराधों पर रोक लग सकेगी और अपराधियों के हौसले पस्त होंगे।
श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, आयुक्त, महिला सशक्तिकरण ने कहा कि महिलाओं के प्रति पूरे समाज को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। पुलिस के साथ-साथ अन्य विभागों और समाजसेवी संगठनों को इस दिशा में मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। विभिन्न क्षेत्रों में भाषाई मेलजोल बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, तरक्की, स्वास्थ्य की पुख्ता व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए धन की कमी नहीं है।
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल में महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष, डॉ. आशा शुक्ला ने प्रदेश में मानव दुर्व्यापार रोकने के लिए पुलिस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आम आदमी के मन में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है।
श्रीमती अरूणा मोहन राव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला अपराध ने सेमीनार के उद्देश्य की जानकारी दी।