भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महात्मा गाँधी जन्म से नहीं, कर्म से महान बने थे। सारी जिन्दगी सत्य और अहिंसा का प्रयोग करके बापू ने जीवन गढ़ा था। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के अवसर पर जीवन को अर्थपूर्ण बनाने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं के लिए राज्य स्तरीय समिति गठित होगी। श्री चौहान आज गाँधी भवन में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महात्मा गाँधी का दर्शन भारतीय दर्शन है। भारतीय संस्कृति के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को बापू ने वास्तविकता के धरातल पर खड़ा किया। अहिंसा का व्यवहारिक रूप बताया। वो ऐसे सत्याग्रही थे जिन्होंने सदैव सत्य के मार्ग पर चलकर अहिंसा और सत्याग्रह के द्वारा अंग्रेजों को देश छोड़ने के लिए विवश किया। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बड़े-बड़े युद्धों के विजेताओं का अंत कुंठा में हुआ है। दुनिया में आज हिंसा और आतंक का राज दिखाई पड़ रहा है। उसका समाधान बापू की सोच में है। आवश्यकता उसे आचरण में उतारने की है। उन्होंने कहा कि महापुरूषों को सभी मानते हैं। उनकी सीख को मानना चाहिए। गाँधी जी के जीवन के प्रसंगों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि बापू अपने आचरण से सीख देते थे। उन्होंने आग्रह किया कि उनकी सीखों को आचरण में उतारने का प्रयास करें। छोटे-छोटे प्रयासों से ही जीवन में बड़े बदलाव होते है। प्रतिदिन अनुचित गतिविधियों का विश्लेषण मात्र से शुरूआत करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता हैं।
श्री चौहान ने कहा कि महात्मा गाँधी स्वच्छता के प्रति आग्रही थे। आग्रह से दृष्टिकोण बदलता है। जब मैला ढोने की परम्परा थी, उस समय बापू स्वयं शौचालय साफ करते थे। इस पर उनका पत्नी से विवाद भी हुआ था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान की प्रेरणा महात्मा गाँधी हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का प्रभाव दिखने लगा है। समाज के नजरिये में स्वच्छता के प्रति परिवर्तन हुआ है। बेधड़क गदंगी फैलाने वाले भी, अब गदंगी फैलाने में संकोच करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मद्यनिषेध सप्ताह के दौरान नशे का त्याग करें। नशे का सेवन करने वालों को इसे त्यागने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सफल जीवन से ज्यादा अर्थपूर्ण सार्थक जीवन है। बापू का जन्म-दिवस कर्मकाण्ड नहीं बने। सर्वधर्म प्रार्थना का उल्लेख करते हुये श्री चौहान ने कहा कि उसमें कही गई बातों पर अमल करें, तभी महात्मा गाँधी के संकल्पों को सफल बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों को अनुपयोगी खिलौने और पढ़ ली गई पुस्तकों को जरूरतमंदों को देने के लिये प्रेरित किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री का सूत की माला से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने निबंध, चित्रकला, भजन, देश भक्ति गीत गायन और गाँधी जी के प्रेरक प्रसंग प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं प्रज्ञा शर्मा, राघव रक्षापाल, कमल किशोर, प्रीति सिहं, गिरिराज शर्मा, अमन गौर. नवीला खानम, राजदीप मर्धा, रिया जैन, साक्षी राठौर, शुबाहना, रोली प्रधान, रिया मालवी, रानू असवाल, कृति सैनी, वैभव पंत, अंजलि मडके और देशभक्ति गीतों के समूह गायन के विजेता स्कूलों रेड रोज लामाखेड़ा, नवनीत हायर सेकेण्डरी स्कूल बैरागढ़, विक्रमादित्य हायर सेकेण्डरी स्कूल भेल और जवाहर लाल नेहरू हायर सेकेण्डरी स्कूल भेल को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में सर्वधर्म प्रार्थना और भजन ‘वैष्णवजन को’ की प्रस्तुतियाँ हुई।