उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल को विजया यानी भांग अर्पित करने से कोई नुकसान नहीं हो रहा है। भांग में ऐसे तत्व मौजूद हैं, जिनसे ज्योतिर्लिंग को क्षरण का कोई खतरा नहीं है।
यह बात आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए भारत सरकार के अतिरिक्त महाअधिवक्ता को सौंपी रिपोर्ट में कही है। इससे भगवान महाकाल को भांग का भोग लगाने और अवंतिकानाथ का भांग से श्रृंगार करने का रास्ता साफ हो गया है।
12 ज्योतिर्लिंगों में सिर्फ विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान का भांग से श्रृंगार करने की परंपरा है। पुजारी तड़के भस्म आरती में, श्रावण-भादौ मास में संध्या आरती और त्योहारों पर भगवान का भांग से श्रृंगार करते हैं। इसको लेकर बीते दिनों उज्जयिनी विद्वत परिषद ने सवाल उठाए थे।
परिषद में शामिल विद्वानों का कहना था कि भगवान शिव को भांग चढ़ाने का शास्रोक्त विध्ाान नहीं है। भगवान का भांग से श्रृंगार करने से ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंच रहा है। परिषद के इस मत का शंकराचार्य और अन्य विद्वानों ने विरोध किया था।
इनका कहना था कि भगवान शिव को भांग अर्पित करने का उल्लेख वेद में भी है। भांग से शिवलिंग को कभी नुकसान नहीं हो सकता है। अब एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की है।