इंदौर । मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने वाले व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय ने अपने तबादले के बाद सोमवार को कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार डराने का प्रयास कर रही है, जिसे उन्होंने बदले की कार्रवाई करार देते हुए अपनी लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है। सरकारी डॉक्टर राय ने कहा, “यह (स्थानांतरण) आदेश मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर जारी किया गया है। मुझे आदेश सुबह 11.15 बजे मिला। अब मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है, इसलिए वे सभी बेचैन हैं। सरकार केवल मुझे डराने के लिए मुझ पर निशाना साध रही है और वे चाहते हैं कि मैं समर्पण कर दूं। लेकिन मैं किसी भी दबाव के आगे घुटने नहीं टेकूंगा।” उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी गौरी राय भी चिकित्सक हैं और उनका भी तबादला किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका इंदौर से धार और उनकी पत्नी का महू से उज्जैन तबादला कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कार्रवाई व्यापमं और डीमेट के खिलाफ उनके द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई के चलते की है। लेकिन सरकार चाहे तबादले करे या कुछ और उनकी लड़ाई जारी रहेगी। डॉ.राय ने कहा कि वे तबादले को न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उनसे सिर्फ इस बात से नाराज है कि वे व्यापमं और डीमेट घोटाले के खिलाफ लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं। वे कहते हैं कि क्या समाज के हित में लड़ाई लड़ना कोई अपराध है, मगर दुर्भाग्य है कि सरकार इसे अपराध मानकर उन्हें दंडित कर रही है। उल्लेखनीय है कि राय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा के खिलाफ सीबीआई से शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि गाजियाबाद के संतोष मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही अपनी बेटी का स्थानांतरण भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में कराने के लिए उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया। व्यापमं घोटाले में सीबीआई अब तक 12 मामले दर्ज कर चुकी है।