हरदा ! मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार की रात को दो रेलगाडियों के दुर्घटनाग्रस्त होने से बड़ी संख्या में पानी के बीच फंसे यात्रियों के लिए युवाओं की टोली जीवनरक्षक बन गई। युवाओं की टोली ने 70 से अधिक यात्रियों की जान बचाने में सफलता पाई। पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेल खंड के हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेल्वे स्टेशन के बीच मंगलवार की देर रात को काली माचक नदी के पुल पर मुम्बई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और राजेंद्र नगर पटना-मुम्बई जनता एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई। दोनों गाड़ियों के छह डिब्बे पानी से घिर गए थे।

हादसा स्थल के करीब स्थित गांव नीमसरा और मांडला के 20 से ज्यादा युवाओं को माचक नदी के करीब अचानक एक ही स्थान पर रोशनी नजर आई तो उन्हें कुछ शंका हुई और वे मौके पर जा पहुंचे। यहां पहुंचे युवाओं के साथी विपिन पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि भारी बारिश के चलते उनके गांव में भी पानी भरा हुआ था और लोग जाग रहे थे, यही कारण है कि वे समय से यहां पहुंच गए।

राजकुमार ने बताया कि जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कई यात्री डिब्बों के अंदर फंसे हैं, और पानी भर रहा है। ऐसे में उन्होंने रस्सी की मदद से दो डिब्बों से 70 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया।

ग्रामीण गोविंद ने कहा कि अगर समय रहते डिब्बों में फंसे लोगों को न निकाला जाता तो मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता था। गांव वालों के राहत और बचाव कार्य शुरू करने के दो से तीन घंटे बाद पुलिस और रेल का अमला मौके पर पहुंच पाया था। इस हादसे में 27 लोगों की जान गई है, वहीं कई लोग अब भी लापता है। 70 घायलों को उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बुधवार को घटनास्थल पर पहुंच कर इस बात का जिक्र किया कि गांव के लोगों की मदद से कई लोगों को बचाया गया है। उन्होंने गांव वालों के कार्य की सराहना की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *