भोपाल | मध्य प्रदेश में कम वर्षा और अल्प वर्षा वाली तहसीलों में समस्याएं विकराल रूप धारण करने लगी हैं। राज्य सरकार ने इन्हीं में से 21 जिलों की 44 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि गुना जिले की पांच, बडवानी और सिवनी की चार-चार, धार, रायसेन, छतरपुर, उमरिया की तीन-तीन, सीहोर, सागर, टीकमगढ़, डिण्डोरी और शहडोल जिले की दो-दो तथा खरगोन, विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बालाघाट, सीधी, सतना और अनूपपुर जिले की एक-एक तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है।
सूखा प्रभावित तहसीलों में गुना जिले की राघौगढ़, आरोन, गुना, बम्होरी और मकसूदनगर, बडवानी जिले की बडवानी, राजपुर, पानसेमल और पाटी, सिवनी जिले की सिवनी, केवलारी, लखनादौन और धनौरा, धार जिले की धरमपुरी, मनावर और कुक्षी, रायसेन जिले की बरेली, उदयपुरा और बाडी, छतरपुर जिले की छतरपुर, गौरिहार और बक्सवाहा और उमरिया जिले की बांधवगढ़, चंदिया और नौरोजाबाद तहसीलें शामिल हैं। इसके अलावा सीहोर की सीहोर और श्यामपुर, सागर जिले की रेहली तथा गढ़ाकोटा, टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर और ओरछा, डिण्डौरी जिले की डिण्डौरी और शहपुरा और शहडोल जिले की सुहागपुर तथा बुढार तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसी तरह खरगोन जिले की सेगांव, विदिशा की सिरोंज, भोपाल की बेरसिया, होशंगाबाद की सोहागपुर, नरसिंहपुर की गोटेगांव, बालाघाट की लांजी, सीधी की कुसमी, सतना की नागौद और अनूपपुर जिले की जैतहरी तहसीलों को भी सूखा ग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है।