भोपाल | मध्य प्रदेश में घरेलू कामकाजी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्याण योजना के तहत अब तक सवा दो लाख से अधिक महिलाओं को परिचय-पत्र वितरित किए गए हैं। उनका बीमा भी कराया जा रहा है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना के जरिये कामकाजी महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 12 हजार महिलाओं को स्व-रोजगार का प्रशिक्षण भी दिया गया है। इन महिलाओं को मुख्य रूप से खाना बनाने, घर के व्यवस्थित रख-रखाव के साथ-साथ अन्य विधाओं का प्रशिक्षण भी दिया गया। इन्हें शिक्षित किए जाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण देने के लिए स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जा रही है।

कामकाजी महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं में प्रावधान किए हैं। महिलाओं को प्रसूति के दौरान आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस अवधि में महिलाओं को 45 दिन कलेक्टर दर पर मजदूरी उपलब्ध कराने एवं इस अवधि में उनके पति को भी 15 दिन की मजदूरी उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। अब तक 1,256 कामकाजी महिलाओं को यह सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। कामकाजी महिलाओं को जनश्री बीमा योजना एवं उनके बच्चों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का प्रावधान भी इस योजना में किया गया है। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अब तक 154 कामकाजी महिला को आपदा के समय बीमा सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है। बीमित महिलाओं के 5,000 से अधिक बच्चों को 200 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जा रही है।

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