भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस रणनीति तैयार करने में जुटी है। प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर फीडबैक ले रहे हैं। खास बात यह है कि इन बैठकों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाग नहीं ले रहे हैं। वे इन दिनों उप्र में ज्यादा समय दे रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को यूपी की 38 लोकसभा सीटों की कमान सौंपी है। सिंधिया उप्र में पार्टी नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। यही वजह है कि वे मप्र की चुनावी रणनीति से दूर हैं। पीसीसी सूत्रों ने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में सिंधिया का ज्यादा दखल नहीं रहेगा। वे गुना संसदीय क्षेत्र से खुद चुनाव लड़ेंगे। उप्र में व्यस्त होने की वजह से उनके चुनाव प्रचार की कमान पत्नी संभालेंगे। सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने गुना संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी से महिला सम्मेलनों का आयोजन शुरू कर दिया है।
सिंधिया कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। वे लोकसभा चुनाव में एक दर्जन से ज्याद लोकसभा क्षेत्रों चुनावी सभाएं करने के लिए आएंगे। विधानसभा चुनाव की तरह वे लोकसभा चुनाव में मप्र में सक्रिय नहीं रहेंगे। पार्टी ने उन्हें उप्र में ज्यादा से ज्यादा सीट जिताने का दायित्व सौंपा है। यह सिंधिया के लिए चुनौती भरा लक्ष्य हैं। बताया गया गया कि उप्र में सिंधिया के समर्थकों ने भी डेरा डाल लिया है।
कांग्रेस में नेताओं की पत्नियों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की संभावनाओं को लेकर कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाए। बतौर लक्ष्मण सिंह नेताओं की पत्नियों को चुनाव लड़ााना अत्यंत हानिकारक होगा। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह की ओर से ट्वीट किया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी। वहीं सिंधिया समर्थकों ने प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के चुनाव लडऩे की संभावनाओं से इंकार किया है।