भोपाल ! मध्य प्रदेश में हर मोर्चे पर कांग्रेस को मात देने की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अप्राकृतिक कृत्य के आरोप में फंसे राघवजी के मामले ने बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया है। हाल यह है कि पार्टी संगठन और सत्ता से जुड़े लोग भी इस मसले पर चर्चा को तैयार नहीं है।
भाजपा हमेशा ही चाल, चेहरा और चरित्र की बात करती है, अब उसके एक कद्दावर नेता व सरकार के मंत्री (जो अब पूर्व हो गए) के चरित्र पर ही न केवल उंगली उठी है, बल्कि मामला थाने तक जा पहुंचा है। यही कारण है कि राघवजी के नौकर द्वारा अप्राकृतिक कृत्य किए जाने के आरोप की शिकायत और कथित तौर पर अश्लील सीडी का शपथपत्र थाने में पहुंचने के महज एक घंटे के भीतर ही भाजपा ने उनसे इस्तीफा मांग लिया।
संभवत: भाजपा शासनकाल के नौ वर्षो में यह पहला मसला होगा जब संगठन और सरकार ने किसी मंत्री पर आरोप लगने के महज एक घंटे के भीतर फैसला लिया हो। इसकी वजह विधानसभा का आगामी मानसून सत्र और कुछ माह बाद ही विधानसभा चुनाव को माना जा रहा है।
नौकर से कथित तौर पर अप्राकृतिक कृत्य किए जाने के मामले को कांग्रेस ने हाथों हाथ लिया है और इसे भाजपा का वास्तविक चरित्र तक करार दे डाला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि इस प्रकरण ने भाजपा में बढ़ते नैतिक भ्रष्टाचार का खुलासा कर दिया है। राघवजी का तो डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए। प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि चाल, चेहरा व चरित्र की बात करने वाली भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है।
एक तरफ जहां कांग्रेस के नेता राघवजी के जरिए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर हमले बोल रहे हैं, वहीं राजधानी भोपाल में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। वे राघवजी के खिलाफ अप्राकृतिकृत्य किए जाने का प्रकरण दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
भाजपा के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, मामले लोकायुक्त तक हैं, इतना ही नहीं अवैध खनन को लेकर भी सरकार पर हमले हुए, एक अन्य मंत्री अजय विश्नोई पर भी एक अफसर ने अनैतिक कार्य के लिए दवाब बनाने का आरोप लगाया।
इन मौकों पर सरकार संबंधित लोगों के पीछे खड़ी आई मगर राघवजी के बचाव में सिर्फ उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की खुलकर सामने आए है। उन्होंने इसे कांग्रेस की साजिश करार देते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव करीब है, लिहाजा उसे ध्यान में रखकर यह साजिश रची गई है। उनका दावा है कि कुछ दिनों में इस साजिश पर से पर्दा भी उठ जाएगा।
भाजपा के प्रदेश संवाद प्रमुख हितेश वाजपेयी का कहना है कि यह पूरा प्रकरण कूट रचित है, मामला जांच में है और दूध का दूध पानी का पानी सब सामने आ जाएगा। राघवजी का पूरा जीवन बेदाग रहा है, कांग्रेस जिस मामले को मुद्दा बनाना चाह रही थी वह राघवजी के इस्तीफे से खत्म हो गया है।
राघवजी प्रकरण की सत्यता तो जांच के बाद ही सामने आएगी, मगर इस प्रकरण ने राज्य की राजनीति को तो गर्मा ही दिया है। कांग्रेस जहां हमलावर रुख में है वही भाजपा को रक्षात्मक अंदाज में आने को मजबूर होना पड़ा है। यह प्रकरण आने वाले दिनों में भी राज्य की राजनीति में छाई सुस्ती को मिटाने का कारक बना रहेगा।