भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के संकट के बीच कई नेताओं का अमानवीय चेहरा सामने आया है। खादी में समाज सेवक की भूमिका निभाने का दावा करने वाले खुद ही दवाओं की कालाबाजारी में जुट गए , इतना ही नहीं कोरोना के जीवन रक्षक रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने में हिचके नहीं। ऐसे लोग पुलिस की गिरफ्त में भी आए हैं। राज्य सरकार नकली दवाओं के गोरखधंधे में शामिल लोगों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करने जा रही है। वहीं कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि ऐसे लोगों को किस का संरक्षण है यह भी सामने आए। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के अस्पताल और दवाओं की दुकानें हैं। इनमें से कई लोग अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर महामारी के दौर में अपनी जेब भरने में लगे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसीविर इंजेक्शन को जीवन रक्षक माना गया है और इसी का लाभ मुनाफाखोरों ने उठाने की कोशिश की। इंजेक्शन में ग्लूकोज भरकर 25 हजार तक में बेचा गया है।
जबलपुर के एक अस्पताल के डायरेक्टर समेत चार लोगों को नकली रेमडेसीविर दवा खरीदने और मरीजों को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सरबजीत सिंह मोखा विश्व हिंदू परिषद नर्मदा डिविजन का अध्यक्ष भी था। उसे तमाम पदों से विहिप ने हटा दिया है। इसी तरह का मामला रतलाम में सामने आया है जहां कथित तौर पर भाजपा के पदाधिकारी को ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने राजेश् माहेश्वरी को आक्सीमीटर ज्यादा दाम में बेचने के आरोप में पकड़ा है।
इसी तरह इंदौर में आक्सी फ्लो मीटर ज्यादा दाम बेचने के आरेाप में यतींद्र वर्मा नाम के शख्स को पकड़ा गया है, वह कांग्रेस का मंडल अध्यक्ष बताया जा रहा है। वह सात हजार में ऑक्सी फ्लो मीटर बेच रहा था।
राज्य में लगातार दवाओं, ऑक्सीमीटर, ऑक्सी फ्लो मीटर की कालाबाजारी और नकली दवाओं के बेचने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी हो रही है। राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सरकार विचार कर रही कि प्रदेश में नकली दवाईयों का गोरखधंधा करने वालों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान किया जाए। इसके लिए कानून में संशोधन के लिए विधि विभाग से परामर्श लिया जा रहा है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि सरकार पूरी सख्ती के साथ नकली दवा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। अभी नकली दवा बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जल्द इसे खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अंतर्गत भी लाया जाएगा। खाद्य अपमिश्रण अधिनियम में इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
दवाओं और जरुरी चिकित्सकीय उपकरणो की कालाबाजारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा, कोरोना की इस महामारी में मध्यप्रदेश में एक नये तरीके का माफिया सामने आया है वो है ‘रेमडेसीविर माफिया’ ? जिसने इस संकट काल में कई लोगों की जान ली है, कई जरूरतमंद लोगों को लूटा है, कई लोगों को ठगा है, कई परिवारों को बर्बाद किया है।
कमल नाथ ने आगे कहा आखिर ऐसे माफियाओं को किसका संरक्षण? ऐसे माफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, ये मानवता व इंसानियत के दुश्मन।