भोपाल !  मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2013-14 का वार्षिक योजना को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने अंतिम रूप दिया। राज्य के लिए परिव्यय 35 हजार 500 करोड़ रुपये मंजूर हुआ है। यह गत वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है। जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि नई दिल्ली में हुई बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष अहलूवालिया ने कहा कि विकास के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने बहुत अच्छा काम किया है और योजना राशि का व्यय भी काफी संतोषजनक है।

उन्होंने विशेषकर भौतिक एवं सामाजिक अधोसंरचना के विकास में जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि प्रदेश में पीपीपी मोड में 50 से अधिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

अहलूवालिया ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में मध्यप्रदेश की औसत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9़.4 प्रतिशत रही है जो काफी उत्साहजनक और सकारात्मक है। कृषि के क्षेत्र में पंचवर्षीय योजना के दौरान 6़9 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र में 9़6 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 10़6 प्रतिशत वृद्घि हुई जो 11वीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य और अखिल भारतीय औसत से अधिक है।

उन्होंने मध्यप्रदेश को संस्ति और पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक ध्यान देने का सुझाव दिया। उन्होंने कुछ सामाजिक-आर्थिक संकेतकों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश को प्रति व्यक्ति आय में और वृद्घि करनी चाहिए। उन्होंने 12वीं पंच-वर्षीय योजना के अंत तक साक्षरता दर में और वृद्घि तथा स्कूलों में दाखिले में बालक और बालिकाओं के अंतर को कम किए जाने पर जोर दिया।

बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोल ब्लक्स तथा कोल लिंकेजों के पर्याप्त आवंटन के साथ ही विद्युत परियोजनाओं के लिए वन संबंधी स्वीकृतियां दिलवाने में योजना आयोग से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने वर्ष 2014 तक पावर सरप्लस राज्य बनने का लक्ष्य रखा है। राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्यो के लिए 10 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत तथा बायोमास ऊर्जा को महत्व दिया जा रहा है। प्रदेश में देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन अगस्त में हो जाएगा।

प्रदेश में पांच सौर ऊर्जा पार्क पीपीपी मोड में विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विकास दर 10़02 प्रतिशत है। इसी तरह षि विकास दर भी गत वर्ष देश में सर्वाधिक आंकी गई। इस वर्ष भी इसके लगभग 16 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

वर्ष 2013-14 की वार्षिक योजना में सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत, पर्यटन और सड़क निर्माण के लिए 11 प्रतिशत, ऊंर्जा के लिए 10 प्रतिशत, कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए लगभग 10 प्रतिशत और शेष क्षेत्रों के लिए 18 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। इसी तरह पिछले वित्त की तुलना में वर्ष 2013-14 के लिए सहकारिता विभाग के बजट में लगभग 55 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए 47.4 प्रतिशत, अनुसूचित जाति कल्याण के लिये 44़6 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 41़2 प्रतिशत की वृद्घि की गई है।

इसी प्रकार वन विभाग के बजट में 44़.4 प्रतिशत, उद्योग विभाग के लिए 33़9 प्रतिशत और जल और सेनीटेशन के लिए 30़ 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

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