इंदौर। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर से हुई मारपीट की घटना का विरोध करते हुए सोमवार को मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के डॉक्टरों के अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इसका व्यापर असर देखने को मिल रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में सुबह से ही ओपीडी में डॉक्टर नहीं मौजूद हैं। ऐसे में मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं। आईएमए की इस हड़ताल में मेडिकल कॉलेज से जुड़े एमवाय अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट, जूनियर डॉक्टरों के अलावा टीबी अस्पताल, एमटीएच अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल हैं। ऐसे में यहां मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस बीच मरीजों की परेशानी को देखते हुए जरूर MY अस्पताल की ओपीडी में 8 और 9 नंबर कमरे में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है।
हड़ताल के समर्थन में आज सुबह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के इंदौर चैप्टर ने एक रैली निकाली। इस रैली में उन्होंने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के खिलाफ विरोध जताते हुए न्याय की मांग की। वहीं पश्चिम बंगाल में डॉक्टर पर हमले पर जूनियर डॉक्टरों ने नुक्कड़ नाटक किया। इसके जरिए उन्होंने मरीज और डॉक्टरों के बीच विवाद की स्थिति को समझाने की कोशिश की।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में भोपाल के हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों ने भी आज प्रदर्शन किया। वो डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग कर रहे थे। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से यहां भी मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया।
आईएमए के देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों ने भी प्रदर्शन किया।
आईएमए की हड़ताल का पूरे मध्य प्रदेश में असर देखने को मिल रहा है। रतलाम में विरोधस्वरूप डॉक्टरों ने हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज किया। सेंधवा में बाबदड गांव से महिलाएं खून की जांच और उपचार के लिए आई, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से परेशान होना पड़ा।