भोपाल ! मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को नोटबंदी से किसानों और आमजनों को हो रही परेशानी को लेकर कांग्रेस और सत्तापक्ष के विधायकों में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने विधानसभा से बहिर्गमन किया तो सत्ता पक्ष भाजपा के विधायकों ने नोटबंदी को मिले जनसमर्थन से कांग्रेस में मायूसी का आरोप लगाया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के प्रभारी नेता, बाला बच्चन और कांग्रेस विधायकों की ओर से नोटबंदी के चलते हो रही समस्याओं को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में सत्ता पक्ष की सहमति मिलने के बाद विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने प्रश्नकाल स्थगित कर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराई।
नोटबंदी पर चर्चा के दौरान विधानसभा में दोनों पक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे पर सीधे और व्यक्तिगत आरोप लगाए। परिणामस्वरूप कई बार विधानसभाध्यक्ष डॉ. शर्मा को हस्तक्षेप करना पड़ा और असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से अलग करना पड़ा।
इस दौरान कांग्रेस विधायकों बाला बच्चन, मुकेश नायक, रामनिवास रावत, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, जीतू पटवारी, विक्रम सिंह नातीराजा ने किसानों से लेकर आमजनों को होने वाली समस्या को उठाया। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव, गौरीशंकर शेजवार व विश्वास सारंग ने मोर्चा संभाला।
स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बच्चन ने कहा, “नोटबंदी के कारण किसानों और जरूरतमंद लोगों को अपने आवश्यक कामों के लिए बैंक से रकम नहीं मिल रही है। एक तरफ खेती पिछड़ रही है तो दूसरी ओर शादी विवाह तक में दिक्कत आ रही है।”
कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने कहा, “नोटबंदी के खिलाफ कोई नहीं है, मगर इसकी तैयारी नहीं की गई, जिसके चलते आज हर किसी को परेशान होना पड़ रहा है। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। खेती, कपड़ा, किराना, चमड़े का कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है।”
नायक ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना मुसोलनी, सद्दाम हुसैन, कर्नल गद्दाफी और हिटलर से कर डाली। उन्होंने कहा कि मोदी का फैसला इन शासकों की तरह ही है।
कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने प्रदेश के बिगड़ते हालात की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “इस फैसले से ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है। सब्जियों, फलों के दाम कम हो गए हैं, कई स्थानों पर तो किसान फसल को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं। इस्पात, सीमेंट आदि के दाम में कोई अंतर नहीं आया है।”
इन आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “नोटबंदी के बाद शुरुआत में कुछ समस्या आई, मगर अब हालात सामान्य हो चले हैं। जहां तक जन-धन खातों में रकम आने का सवाल है, तो प्रदेश में इन खातों में 30 नवंबर तक एक हजार करोड़ रुपये आए हैं, जो प्रति खाता औसतन महज पांच सौ रुपये बैठता है।”
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को खाद, बीज न मिलने के आरोप नकारते हुए कहा, “बीते वर्ष की तुलना में किसानों ने रबि के मौसम में अब तक ज्यादा बीज, खाद तो उठाया ही है, साथ में ज्यादा क्षेत्र में फसल की बुवाई भी कर ली है। किसान से लेकर आम आदमी तक नोटबंदी के फैसले से खुश है, यही कारण है कि हर कोई प्रधानमंत्री के फैसले का साथ दे रहा है।”
चौहान ने कहा, “बीते वर्ष रबि मौसम में 77 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई थी। उसके मुकाबले अभी तक इस वर्ष 95 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, इस वर्ष एक लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “नोटबंदी को लेकर कांग्रेस में मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक भ्रम है। यह बात आज विधानसभा में भी साबित हो गई। कोई नोटबंदी का समर्थन करता नजर आता है तो कोई विरोध।”
चौहान ने कहा, “राज्य के बैंकों में 30 नवंबर तक 26 हजार करोड़ रुपये आए, जबकि 13 हजार करोड़ रुपये की निकासी की गई। राज्य की 9700 एटीएम में से 97 फीसदी काम कर रही है। जहां तक जन-धन खातों का सवाल है। राज्य में कुल दो करोड़ एक लाख जन-धन खाते हैं, और इन खातों में नोटबंदी से पहले दो हजार करोड़ रुपये थे, जो 30 नवंबर तक बढ़कर तीन हजार करोड़ रुपये हो गए, अर्थात एक हजार करोड़ रुपये आए। प्रति खाता देखा जाए तो औसतन पांच सौ रुपये बैठते हैं।”
चौहान के आंकड़ों पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए और वे हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। उसके बाद चौहान ने कहा, “विपक्ष ने सदन, लोकतंत्र का अपमान किया है। वह इस चर्चा को सार्थक बनाना चाहते थे।”
विपक्ष के रवैए पर चौहान ने गहरा आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का विपक्ष उन्होंने कभी नहीं देखा। विपक्ष के बहिर्गमन के बाद उन्होंने अपनी बात पूरी की।
इससे पहले भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेस पर हमला बोला। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “नोटबंदी को देश की जनता का साथ मिल रहा है। इससे पहले जब भी प्रधानमंत्रियों देश हित में जनता का साथ मांगा, हमेशा मिला, चाहे लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी ही क्यों न रहे हों, जनता ने उनका साथ दिया। अब प्रधानमंत्री मोदी को जनता का साथ मिल रहा है।”
परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, “कांग्रेस चाहती थी कि नोटबंदी को लेकर देश की कानून-व्यवस्था बिगड़े। इसके लिए कांग्रेस ने जनता को भड़काया, मगर कामयाब नहीं हुई।”
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने नोटबंदी का विरोध करने वालों को आतंकवाद, कालेधन का समर्थक कहा। मंत्री गोपाल भार्गव व डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने नोटबंदी के लाभ गिनाए।

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