भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग और लॉक डाउन के बीच विधान सभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी जारी है। प्रदेश की सीनियर आईएएस अफसर एडिशनल चीफ सेक्रेट्री वीरा राणा को राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दे दी गयी है। वो फिलहाल खेल और युवा कल्याण विभाग की कमान संभाल रही थीं। राणा, कांताराव के बाद प्रदेश की नयी CEO होंगी,राव के प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के बाद से ये पद खाली था। वीरा राणा को ऐसे समय में राज्य का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है जब प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना हैं। अब वो चुनाव आयोग के दिशानिर्देश में काम करेंगी। साथ ही चुनाव वाले इलाकों में आचार संहिता का पालन कराने से लेकर जरूरी प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी भी CEO की होती है।
वीरा राणा मध्य प्रदेश कैडर की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वो अभी खेल एवं युवा कल्याण विभाग मैं अपर मुख्य सचिव की थीं। इससे पहले 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव कराने वाले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बी एल कांता राव के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से यह पद खाली था।
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के लिए प्रदेश सरकार से तीन आईएएस अधिकारियों का पैनल बुलाया था। राज्य सरकार के भेजे गए पैनल में से भारत निर्वाचन आयोग ने वीरा राणा के नाम पर मंजूरी दी है। आयोग की सहमति के बाद राज्य सरकार ने वीरा राणा को मध्यप्रदेश का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया है। राणा इसके पहले प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
जिन 25 सीटों पर उप चुनाव होना है वो प्रदेश के 15 ज़िलों में हैं. प्रदेश के मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोक नगर, गुना, सागर,अनूपपुर, रायसेन, इंदौर, देवास, धार, मंदसौर एवं आगर-मालवा के 24 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव कराए जाने हैं.तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है। इन 24 में से जौरा और आगर मालवा की सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं, जबकि बाकी 22 सीटों पर कांग्रेस से बागी होकर विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।