भोपाल !   मध्य प्रदेश के बच्चों की तंदुरुस्ती के लिए मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में प्राथमिक स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में सप्ताह में तीन दिन सुंगधित मीठा दूध (स्वीटेन्ड और फ्लेवर्ड मिल्क) वितरित किया जाएगा, इस अभियान की बुधवार से शुरुआत हो गई है। हर बच्चे को 100 मिली लीटर फ्लेवर्ड मिल्क दिया जाएगा। सरकार की इस योजना में प्रदेश के 79 लाख 84 हजार बच्चों को सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुगंधित दूध मिलेगा। कुल 85 हजार प्राथमिक शाला के 45 लाख 84 हजार बच्चों और आंगनवाड़ी के 34 लाख बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए इस योजना पर इस वित्त वर्ष में करीब 265 करोड़ और अगले वर्ष में करीब 291 करोड़ खर्च होंगे।

महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने बुधवार को राजधानी भोपाल में आंगनवाड़ी चलो और दूध वितरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा है कि कुपोषण मुक्त सुपोषित मध्यप्रदेश बनाने के लिये आंगनवाड़ी केन्द्र की सेवाओं की हर जरूरतमंद तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने समाज का आह्वान किया कि वे एक स्वस्थ समाज और बेहतर भविष्य को गढ़ने के इस अभियान में सरकार के साथ सक्रिय हिस्सेदारी निभाए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सहकारी दुग्ध संघ द्वारा प्रदाय किए जाने वाले मिल्क पाउडर से यह दूध तैयार किया जा रहा है। यह मिल्क पाउडर पांच लेवर इलाइची, चाकलेट, पायनेपल, स्ट्राबेरी, रोज के पेक में उपलब्ध करवाया गया है। लेवर को मिल्क पाउडर में पहले से ही मिश्रित कर पेक तैयार किया जाता है।

दुग्ध महासंघ के अमले द्वारा मिल्क पाउडर से दूध तैयार करने का प्रशिक्षण भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्कूल के शिक्षकों को दिया गया है। पाउडर के हर पैक पर निर्माण की तिथि और एक्सपायरी डेट आवश्यक रूप से मोटे अक्षर में अंकित रहेगी। मिल्क पाउडर की एक्सपायरी डेट दो माह रहेगी।

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