भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार अब राज्य में अपने ट्रैफिक नियम उल्लंघन के जुर्माने की राशि तय करने जा रही है। इसके लिए परिवहन विभाग ने जुर्माने की राशि को कम करने के लिए अपने नियम जारी करने की चालान बुक बना ली है। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे अगली कैबिनेट में पेश किया जाएगा। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनापशनाप जुर्माना लगाया है, जो कि आम आदमी के लिए चुकाना मुश्किल है। फिलहाल हमारी सरकार लोगों को राहत देने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है।

मध्य प्रदेश में सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट को लागू नहीं किया। अब तक सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों में राज्य सरकार ने केवल कोर्ट के मार्फत होने वाले जुर्माने को ही मान्य किया है। जबकि अन्य राज्यों में मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने 5 गुना या उससे ज्यादा तक जुर्माना वसूला जा रहा है। इसी पर नियंत्रण करने राज्य सरकार अपने नियम बनाकर जुर्माने की राशि में कमी करने की कोशिश की है। विभाग ने केंद्र की ओर से लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दिए गए जुर्माने के 46 प्रावधानों में बदलाव कर कंपाउंडिंग फीस की दरें तय की हैं। सरकार की मानें तो एमपी की ट्रैफिक रूल बुक जनता की डिमांड पर बनाई गई है, जिससे केन्द्र के सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के चालान की तुलना में प्रदेशवासियों की पॉकेट पर कम भार देगा।
प्रदेश की नई जुर्माना सूची

बिना ड्राइविंग लाइसेंस- ( केंद्र-3 महीने की जेल और 5 हजार जुर्माना, राज्य 400 रुपए जुर्माना)
खतरनाक ड्राइविंग-( केंद्र-1000 से 2000, राज्य-1000)
बिना हेलमेट-( केंद्र- 500 से 1500, राज्य-400 )रेड सिग्नल पार करना-( केंद्र-6 महीने जेल और 5 हज़ार, राज्य-कोई चालान नहीं)
बिना योग्यता के ड्राइविंग-( केंद्र-पहले फाल्ट के लिए 1000 तक, राज्य-3000 तक)
पीयूसी ना होने पर-(केंद्र- 3 महीने की जेल और 10000 तक जुर्माना, राज्य-1000)
ट्रपलिंग करना-( केंद्र-3 महीने की जेल और 1000, राज्य- 400)
सीट बेल्ट ना पहनना-(केंद्र- 1000, राज्य-500)
यातायात को अवरूद्ध करना-( केंद्र- 500 रुपए और वाहन हटना, राज्य- कोई चालान नहीं)
यूथ ड्राइविंग-( केंद्र-संरक्षक को जेल और 25000 जुर्माना, राज्य-कोई चालान नहीं)
बिना बीमा वाला वाहन चलाना-( केंद्र- 3 महीने की जेल या 2000 जुर्माना, राज्य- 1000 जुर्माना)

इस नई कवायद को लेकर कांग्रेस का कहना है कि ये प्रस्ताव जनता की डिमांड पर सरकार बना रही है। जबकि भाजपा की मानें तो यातायात के नियम कड़े हो तो बेहतर है। जुर्माने के विषय से बेहतर है कि लोगों की जान की गारंटी भी सरकार दे।

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