भोपाल ! मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सिंहस्थ कुंभ में हुए कथित घोटाले पर चर्चा कराए जाने की कांग्रेस की मांग पर सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोक-झोंक हुई। दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप देर तक चलता रहा। बढ़ते हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
उज्जैन में सिहस्थ कुंभ का आयोजन अप्रैल-मई माह में किया गया था, इसमें साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ है। कांग्रेस अरसे से आरोप लगाती आ रही है कि इस धार्मिक आयोजन में खरीदी में भ्रष्टाचार हुआ है। सरकार ने खरीदी में जमकर गड़बड़ी है।
इसी मामले को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने उठाया। विधानसभाध्यक्ष डॉ. शर्मा के कांग्रेस विधायक नायक को अपनी बात रखने का मौका दिया, नायक ने जैसे ही सिंहस्थ का जिक्र किया, सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा से अपनी भी बात रखने का मौका दिए जाने का अनुरोध किया।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सत्तापक्ष को अपनी बात रखने की अनुमति न दिए जाने पर संसदीय कार्यमंत्री मिश्रा ने अध्यक्ष से ही सवाल कर डाला कि नायक को अपनी बात कहने की अनुमति किस नियम के तहत दी गई है।
इस पर दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर तीखे कटाक्ष किए गए और कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया।
सदन की कार्यवाही दूसरी बार शुरू होते ही नायक अपनी बात कहने को खड़े हुए तो फिर संसदीय कार्य मंत्री ने अपनी बात कही। इस पर नायक और मिश्रा के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए।
कांग्रेस की ओर से प्रभारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन, विधायक रामनिवास रावत, जीतू पटवारी, सुंदरलाल तिवारी ने सरकार पर सिंहस्थ कुंभ में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया।
वहीं सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा व पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने विपक्ष को खुली चुनौती दी। हंगामा बढ़ा तो कार्यवाही को दूसरी बार 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया।
सदन में कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने खूब हंगामा किया, और एक-दूसरे पर आरोप लगाए। एक तरफ कांग्रेस ने सिंहस्थ कुंभ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो दूसरी ओर सरकार अपना बचाव करती नजर आई।
कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद फिर कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे एकजुट होकर गर्भगृह (वेल) में पहुंच गए और अध्यक्ष से सिंहस्थ पर चर्चा कराने की मांग करने लगे।
कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। वहीं अन्य कार्य चलते रहे, बाद में विधानसभाध्यक्ष डॉ. शर्मा ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।