भोपाल : कर्जमाफी योजना में लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पांच जिलों के कलेक्टरों को अल्टीमेटम दिया है। सतना, अनूपपुर, भिंड, ग्वालियर और सागर जिले में किसानों के कर्जमाफी के अब तक 70 फीसदी से कम आवेदन आए हैं। नाथ सोमवार को मंत्रालय में जय किसान कर्ज माफी योजना की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी का काम हर हालत में समय सीमा में पूरा कर लिया जाए। इस काम में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। सीएम ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों से कहा है कि किसानों से कर्ज माफी के लिए जरूरी दस्तावेज ही मांगे जाएं। किसी भी किसान को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए। नाथ ने कहा कि जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्ष में किसानों से प्राप्त शिकायतों का निराकरण तत्काल किया जाए।
जिनके ऋण खाते आधार से जुड़े हैं, उनके लिए हरी सूची भरना है।
जिनके खाते आधार से नहीं जुड़े हैं, उन्हें सफेद सूची भरना है।
जिनके खातों में ऋुटियां हैं, उन्हें गुलाबी फार्म भरना है।
सुभाष यादव के नाम पर होगा समन्वय भवन का नाम : कमलनाथ ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव का स्मरण करते हुए समन्वय भवन का नामकरण स्व. यादव के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव समाज का गौरवपूर्ण इतिहास है। उन्होंने यादव समाज को सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिये भूमि आवंटन का आश्वासन दिया।
सहकारिता विभाग ने शुरू की जांच कर्जमाफी घोटाले की जांच : इधर, कर्जमाफी में घोटाला उजागर होने के बाद सहकारिता विभाग ने विभिन्न जिलों में जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर यह तथ्य उजागर हुआ है कि सहकारी समितियों और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा हुआ है। इस पूरे मामले में करोड़ों रुपए का हेरा-फेर होने की आशंका है। ऐसी 76 साख समितियों में अब तक गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं।