भोपाल ! मध्यप्रदेश के ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब मंे बताया है कि राज्य में बीते 10 वर्षो में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों की संख्या में 11 लाख की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही उन्होंने बदले दौर में बीपीएल के लिए तय मापदंडों में बदलाव पर भी जोर दिया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल सिहावल विधानसभा क्षेत्र में हजारों बीपीएल कार्डधारियों के नाम सूची से काटे जाने का मसला उठाया। पंचायत मंत्री भार्गव ने बताया कि इस विधानसभा क्षेत्र से 3039 लोगों के नाम काटे गए थे और बाद में 51 व्यक्तियों के नाम परीक्षण बाद फिर जोड़े गए।
भार्गव ने बताया कि वर्ष 2002-03 हुए सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश में बीपीएल कार्डधारियों की संख्या 54 लाख 68 हजार थी, जो अप्रैल 2016 में बढ़कर 61 लाख 82 हजार हो गई थी।
उसके बाद ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान और भी नाम जुड़े। इससे बीपीएल कार्डधारियों की संख्या बढ़कर 65 लाख आठ हजार हो गई। इस तरह बीते 10 वर्षों में 11 लाख बीपीएल कार्डधारी बढ़े हैं।
बीपीएल कार्ड बनाने के लिए आवश्यक शर्तो में से एक बंधुआ मजदूर परिवार को लेकर कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने सवाल उठाया। साथ ही सरकार से जानना चाहा कि कितने परिवार बंधुआ मजदूर है व एक वक्त का भोजन न कर पाने वालों की संख्या कितनी है। इस पर नायक और भार्गव के बीच जिरह भी हुई।
सदन के बाहर भार्गव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि वक्त बदल गया है, लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है, लिहाजा गरीबी रेखा से नीचे का परिवार तय करने के लिए तय मापदंड में बदलाव की जरूरत है।

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