भोपाल। मध्यप्रदेश को अनलॉक करने की तैयारियां जोरों पर है। मध्यप्रदेश के जिलों को किस तरह से अनलॉक किया जाएगा, इसको लेकर रणनीति पर काम किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक स्कूल-कॉलेज खोलने के लिए मंत्री समूह का गठन किया जाएगा, जो यह निर्णय लेंगे कि स्कूल और कॉलेज को किस गाइडलाइन के अनुरूप खोलना है। वहीं मार्केट अथवा बाजार को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुशंसा की गई है। ऐसी जानकारी मिली है कि मंत्री समूह की अनुसंशाओं का शुक्रवार देर शाम अफसरों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रेजेंटेशन किया। इसमें कहा गया कि जिन जिलों में संक्रमण दर 5% से कम है, वहां कर्फ्यू में ढ़ील देकर लोगों को राहत दी जा सकती है, लेकिन भोपाल और इंदौर में यह दर फिलहाल 5% से ज्यादा है। ऐसे में ज्यादा छूट नहीं देने की सिफारिश की गई है। बैठक में कहा कि भोपाल और इंदौर 40 दिन से ज्यादा समय से बंद है। इसलिए यहां भी थोड़ी राहत देना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्री समूह की सिफारिशें पर एक शासन स्तर पर गाइडलाइन तैयार की जाए। इसके आधार पर जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप 31 मई तक बैठक कर निर्णय ले लें, ताकि 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो सके।

1 से 15 जून तक लागू होगी अनलॉक की गाइडलाइन
प्रदेश को अनलॉक करने का पहला चरण 1 जून से 15 जून तक रहेगा। इस अवधि में तय किया जाएगा कि कोरोना के केस बढ़ तो नहीं रहे है। यदि स्थिति सामान्य रहती है तो इसे आगे बढ़ा दिया जाएगा। यदि स्थिति गड़बड़ाती है तो नई गाइडलाइन जारी कर अनलॉक की छूट को सीमित कर दिया जाएगा। 

इंदौर-भोपाल को ज्यादा छूट नहीं
प्रदेश के अन्य जिलों के अपेक्षा इंदौर और भोपाल को ज्यादा छूट नहीं दी जाएगी। इन दिनों महानगरों को कैसे खोला जाएगा, इसका निर्णय भी जिला क्राईसेस मैनेजमेंट ग्रुप की टीम लेगी। हालांकि यह माना जा रहा है कि इंदौर और भोपाल को वार्डवार खोलने की तैयारी की जा रही है। जिन वार्डों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा है, उन इलाकों को नहीं खोला जाएगा, जबकि यहां शून्य केस हैं वहां छूट प्रदान रहेगी। 

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