भोपाल ! भारत सरकार द्वारा जारी वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश में नव-प्रसूताओं द्वारा नवजात शिशु को स्तनपान कराने और बाल विवाह की स्थिति पर चौकाने वाली जानकारी सामने आई है।
वर्ष 2012-13 में वर्ष 2011-12 की तुलना में अधिक बाल विवाह हुए हैं। जबकि प्रदेश सरकार बाल विवाह रोकने की दशा में अपनी प्रतिबद्धता लगातार जाहिर करती रही है। वर्ष 2012-13 में 21.3 फीसदी लड़कों के विवाह 21 वर्ष से कम उम्र में हुए है, जबकि पिछले वर्ष यह दर 18.3 फीसदी रही। ग्रामीण क्षेत्रों, जहां बाल विवाह रोकना चुनौती है, वहां 28.4 फीसदी है, जबकि पिछले वर्ष यह 24.7 फीसदी रहा। शहरी क्षेत्रों की बात की जाये, तो यह 6.6 फीसदी से बढ़कर 7.9 फीसदी तक पहुॅच गई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली जानकारी यह है, कि वर्ष 2012-13 में पिछले वर्ष की तुलना में 35 जिलों में लड़कों के बाल विवाह बढ़े हैं। सबसे ज्यादा वृद्धि झाबुआ में दर्ज की गई है। यहां वृद्धि की दर 10 फीसदी है, वहीं शाजापुर में 9.6 फीसदी, टीकमगढ़ में 42.7, बड़वानी 41.1, राजगढ़ 39.8, गुना 36.5 और छतरपुर 36.2 फीसदी लड़कों के बाल विवाह दर्ज होना चिंता का विषय है। इसी तरह इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहर भी इस वृद्धि दर से अछूते नहीं है। प्रदेश में बाल विवाह लड़कों की तुलना में लड़कियों में कम रही है, लेकिन पिछले वर्ष 2011-12 की तुलना में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई है। लड़कियों के बाल विवाह की दर पिछले वर्ष की अपेक्षा वर्ष 2012-13 में 20 जिलों में बढ़ी है। यह क्रमश: झाबुआ, शाजापुर, राजगढ़, खण्डवा में सबसे ज्यादा पायी गई है।

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