सतना ! सतना जिले में खदान में भरे पानी में नहाने गए तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई। जिसमें पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों बच्चों के शव बरामद कर लिए। वहीं ग्वालियर जिले में अपनी छोटी बहन को डूबती देख बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी, जिससे दोनों बहनों डूबने से मौत हो गई।
सतना जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर बाबूपुर में स्थित खदान में रविवार को सुबह डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे गोताखोरों ने काफी मशक्कत के बाद तीनों के शव पानी से बाहर निकाल लिया। घटना की सूचना मिलते ही सीएसपी समेत कोलगवां पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। कोलगवां थाना के बाबूपुर के पास बिड़ला फैक्ट्री की खदान में बरसात का पानी भरा था। जिसमें डूबने से एक ही परिवार के तीन बच्चों विनोद साकेत पिता संतोष साकेत (11), सुखेंद पिता रामसंयोजन (12) और राजरानी पिता रामसुजान (9) की मौत हो गई। तीनों रविवार सुबह पास की ही बस्ती से करीब 9 बजे अन्य लोगों के साथ वहां नहाने गए थे। तीनों एक ही परिवार के तीन सगे भाइयों के बच्चे थे। मृतक चौथी और पांचवीं कक्षा के छात्र थे। बताया जाता है कि इनके परिजन सुबह कपड़ा धोने खदान में गए थे। इसी दौरान नहाते समय तीनों बच्चों का अचानक पैर फिसला और तीनों पानी में डूब गए। जैसे ही परिजनों और अन्य लोगों ने डूबता देखा तो बचाव के लिए गोहार लगाने लगे। बस्ती के अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन बच्चों का कोई पता नहीं चला। बाद में घटना की जानकारी कोलगवां पुलिस को दी गई। सूचना के एक घंटे बाद पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से दो घंटे तक बच्चों की खोज की। पहला शव गोताखोरों ने डेढ़ बजे निकाला और इसी के आधा घंटे बाद दूसरा शव पानी से बाहर निकाला गया। जबकि राजरानी का शव शाम 5 बजे निकाला गया। गौरतलब है कि सतना सीमेंट फैक्ट्री द्वारा अंधाधुंध लाइम स्टोन खोदे जाने के बाद यहां पर गहरी खदानें बन गई हैं। जिसमें जमीन के अंदर का पानी हमेशा ही भरा रहता है। चूंकि यह मौसम बारिश का है, इसलिये ये खदानें लबालब भरी हैं। जिसमें आसपास के लोग कपड़ा धोने से लेकर नहाने में उपयोग करते हैं। फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही इसी बात से जाहिर होती है कि लाइम स्टोन खोदने के बाद खदानों को मिट्टी से ढंकना चाहिए। लेकिन फैक्ट्री इन्हें खुला छोड़ देती है। जिसमें हर साल इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।