भोपाल। शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार के लिए आने वाले समय में 15000 पुलिसकर्मियों की भर्ती करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। दरअसल प्रदेश में पिछले 2 साल से पुलिस आरक्षक और उप निरीक्षकों की भर्ती नहीं हुई है, जबकि हर साल 5000 पुलिसकर्मियों की भर्ती किए जाने का लक्ष्य सरकार ने तय कर रखा था। हाल ही में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस भर्ती बोर्ड बनाए जाने के प्रस्ताव को तैयार करने की अनुमति पुलिस मुख्यालय के अफसरों को दी है।

शिवराज सिंह चौहान ने पिछले कुछ साल पहले यह घोषणा की थी की मध्य प्रदेश पुलिस में हर साल 5000 लोगों की भर्ती की जाएगी लेकिन वर्ष 2018 में यह भर्ती चुनाव के चलते नहीं निकल सकी। इसके बाद वर्ष 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने यह तय किया कि पुलिस आरक्षक और उप निरीक्षकों की भर्ती पीईबी से नहीं करवाई जाएगी। इसके चलते पुलिस मुख्यालय ने पुलिस भर्ती बोर्ड बनाने की तैयारी की लेकिन इस दौरान पुलिस मुख्यालय की चयन शाखा में अफसरों के फेरबदल से यह प्रस्ताव अटका रह गया। हाल ही में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को इस प्रस्ताव के संबंध में पुलिस अफसरों ने बताया उसके बाद यह तय हुआ कि पुलिस भर्ती बोर्ड के प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजा जाए।

 यदि यह प्रस्ताव शासन ने मंजूर किया तो पिछले 3 साल का बैकलॉग यानी 15000 आरक्षक और उप निरीक्षकों की भर्ती का रास्ता मध्यप्रदेश में खुल सकता है। हालांकि इतनी बड़ी तादाद में एक साथ भर्ती कर पाना फिलहाल सरकार के लिए संभव नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि 3 साल के बैकलॉग को 2 साल में भरने का प्रयास किया जाएगा।

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