
प्रधानमंत्री श्री मोदी आज अमरमंटक में ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ की पूर्णता और नर्मदा सेवा मिशन के शुभारंभ अवसर पर भव्य समारोह में नर्मदा सेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवकों को प्रणाम करने से भी नर्मदा सेवा का पुण्य प्राप्त होता है। यह पुण्य माँ भारती की सेवा और गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने के काम आएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा से अहंकार मिट्टी में मिल जाता है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि समय रहते नदियों के संरक्षण के प्रति जागृत हो गए हैं। केरल की एक नदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज कई नदियों में पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि चूँकि नर्मदा नदी ग्लेशियर से नहीं निकलती। यह पौधों के प्रसाद से प्रगट होती है इसलिए बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर इसकी रक्षा करने का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कर्म करें कि आने वाली पीढ़ियाँ हमें याद रखें जैसे कि आज हम अपने पुरखों का याद करते हैं। जैसे नदियों ने पुरखों को जीवन दिया उसी तरह हम भी नदियों को जीवन दें।
श्री मोदी ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा दुनिया की एक असंभव और असामान्य घटना है जब लाखों लोग एक नदी की रक्षा के लिये संकल्पबद्ध हुए। मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश की जनता और नर्मदा सेवा से जुड़े भक्तों को इस असाधारण कार्य के लिए बधाई। इस कार्य का वैश्विक महत्व है। श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में नदी के संरक्षण का अदभुत काम हुआ है। इस यात्रा के दौरान 25 लाख लोगों ने नदी बचाने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के नागरिकों और किसानों की ओर से मध्यप्रदेश सरकार और नागरिकों का अभिनंदन करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग जानते हैं कि नर्मदा की एक-एक बूँद का कितना महत्व है।
स्वच्छता अभियान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। जनभागीदारी की उपेक्षा कर कोई भी सरकार सफल नहीं हो सकती । इसके लिये जन-समर्थन जरूरी है। इस दिशा में मध्यप्रदेश ने उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश पीछे था लेकिन दृढ़ संकल्प और जन-भागीदारी से आज देश में सबसे आगे है। देश के 100 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 22 शहर शमिल हैं। पूरे देश में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर है। इसका साफ मतलब है कि जन-भागीदारी और प्रशासन दोनों ने साथ काम किया है। यह उदाहरण अन्य राज्यों को प्रेरणा देने वाला है।
नर्मदा सेवा मिशन कार्य-योजना परफेक्ट डाक्यूमेंट : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा की सफलता को भी जनता की ताकत और समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि नए पेड़ों की चिंता करेंगे तो पर्यावरण भी स्वस्थ होगा। नर्मदा सेवा मिशन की कार्य-योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह ‘परफेक्ट डाक्यूमेंट’ है । इसे सभी राज्यों को भेजें क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने का एक मॉडल प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि यदि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से अधिक है तो इसमें नर्मदा नदी का ही योगदान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में भी मध्यप्रदेश ने योजना तैयार कर ली है। उन्होंने बताया कि 2022 में आजादी के पचहत्तर वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से आव्हान किया कि वे हर पल आजादी के 75 वर्ष को याद करें और देश के लिए सकारात्मक योगदान देने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपनी संस्था, अपने गाँव, परिवार और प्रदेश-देश के लिए योगदान देने के लिए संकल्पित हो जाएं। उन्होंने कहा कि हम नया भारत बनाने का सपना लेकर चले हैं। इस काम में प्रत्येक नागरिक को जोड़ना है। प्रत्येक नागरिक यह कोशिश करें कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान कैसे दे सकता है। उन्होंने कहा कि यदि नागरिक एक कदम आग चलेंगे तो देश सवा सौ करोड़ कदम आगे निकल जाएगा।