भोपाल ।     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों और विधायकों को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश को बाल-विवाह रहित बनाने की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों एवं विधायकों से जनता तक यह संदेश पहुँचाने का अनुरोध किया है कि प्रदेश की हर बेटी को शिक्षित, स्वस्थ और सशक्त बनाने में मध्यप्रदेश सरकार उनके साथ है। श्री चौहान ने पत्र में कहा है कि लोगों को यह समझाइश दी जाये कि वे बेटे-बेटियों का विवाह कम आयु में न करें, उन्हें खूब पढ़ने-लिखने और आगे बढ़ने का अवसर दें। बेटियों के लिये चलाई जा रही हर योजना का लाभ उन्हें मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक अवसरों, विशेषकर अक्षय तृतीया, देवउठनी ग्यारस सहित पूरे वर्ष सजगता से यह प्रयास किये जायें कि एक भी बाल-विवाह न होने पाये। महिला सशक्तिकरण संचालनालय द्वारा बनाई गई कार्य-योजना ‘‘लाडो अभियान’’ में भी मंत्रीगण और विधायक सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बाल-विवाह एक सामाजिक बुराई है। प्रदेश के कई क्षेत्र में पर्याप्त ज्ञान और व्यापक जागरूकता के अभाव में बाल-विवाह की कुरीति बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधक बन रही है। राज्य सरकार के बाल-विवाह रोकथाम अभियान के प्रयासों से बाल-विवाह होने की घटनाओं में अत्यधिक कमी आई है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश को बाल-विवाह रहित बनाना है। बाल-विवाह को केवल कानूनी प्रावधानों के माध्यम से नहीं रोका जा सकता, बल्कि इसे जन-जागरूकता और सकारात्मक वातावरण का निर्माण कर ही बदला जा सकता है।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में बताया है कि राज्य सरकार की 7 सर्वोच्च प्राथमिकताओं में महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रमुखता दी गई है। सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के कल्याण और विकास के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर उनके पक्ष में सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं के हित में ऐसी अनेक योजनाएँ शुरू की गई हैं, जिनका अनुसरण अन्य राज्य भी कर रहे हैं। किन्तु अभी भी कई क्षेत्र में सतत प्रयासों की आवश्यकता है।

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