भोपाल। मध्यप्रदेश में महिला के प्रति बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए ‘सात सौ महिला महिला हेल्प’ की स्थापना की जाएगी। इस नयी व्यवस्था की शुरूआत आठ मार्च से की जाएगी। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डीजीपी विवेक जौहरी ने आज मैदानी अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस नयी व्यवस्था को लेकर चर्चा की। इस डेस्क का गठन तीन श्रेणियों में होगा। जिन थाना क्षेत्रों में महिला अपराधों की संख्या अधिक होगी, वहां अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
महिला प्रकोष्ठ से सभी जिलों को आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क का शुभारंभ 8 मार्च को किया जाना है। 700 महिला डेस्क को उर्जा महिला हेल्प डेस्क के नाम से जाना जाएगा। इस डेस्क को महिला अपराधों की संख्या के आधार अ, ब और स श्रेणी में बांटा गया है। इस संबंध में सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों से डीजीपी जौहरी ने चर्चा की। एक वर्ष में 75 से अधिक महिला अपराध होने वाले थाना क्षेत्र की डेस्क को अ श्रेणी में रखा जाएगा।
यहां एक महिला उपनिरीक्षक, दो प्रधान आरक्षक और चार आरक्षकों की तैनाती की जाएगी। इसी तरह एक वर्ष में 40 से 75 महिला अपराधों पर डेस्क को ब श्रेणी में रखेंगे। यहां महिला उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक और प्रधान आरक्षक या आरक्षक के चार पद रहेंगे। स श्रेणी में वह डेस्क रहेगी, जहां प्रतिवर्ष 40 से कम शिकायतें आती हैं। यहां महिला उप निरीक्षक या प्रधान आरक्षक और आरक्षक के तीन पद रहेंगे। संबंधित थाने के थाना प्रभारी महिला डेस्क के प्रभारी रहेंगे।
महिला डेस्क पर पदस्थ महिला अधिकारी संचालक होगी। प्रधान आरक्षक डेस्क के समन्वयक रहेंगे। 20 फरवरी तक डेस्क के लिए अलग से कक्ष और संसाधन की व्यवस्था करना होगी। महिला डेस्क पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध प्रज्ञा ऋचावास्तव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योजना अनिल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध दीपिका सूरी एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।