मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में दुबई से लौटे पति-पत्नी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इस खबर के साथ एक और सनसनीखेज खबर मिली है। मुरैना के एसआरडी कॉलेज को प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है। यहां 350 लोगों को रखा गया था। बीती रात सभी लोग सेंटर का दरवाजा तोड़कर पुलिस को धक्का देते हुए फरार हो गए। टोटल लॉक डाउन के बावजूद घटना के 12 घंटे बाद तक पुलिस फरार हुए मजदूरों को तलाश नहीं पाई है प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि यह सभी मजदूर थे जो दिल्ली की तरफ से अपने-अपने घरों के लिए निकले थे। केंद्र सरकार के आदेश पर इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रोक लिया गया था। इस घटना के बाद प्रशासन ने शेष बचे हुए मजदूरों को बसों में भरकर रवाना करवा दिया। बुधवार को भी पलायन करके 155 मजदूर आए। इन्हें भी खाना खिलाने के बाद दो बसों से भेज दिया।
जिला प्रशासन के अफसर अब राजस्थान धौलपुर प्रशासन की गलती बताकर पल्ला झाड रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के मूवमेंट को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने निर्देश दिए थे कि हर प्रदेश की सीमा पर क्वारंटाइन केंद्र बनाए जाएं और प्रशासन इन मजदूरों को इन केंद्रों में 14 दिन तक रखे।
मंगलवार को दिल्ली की तरफ से 350 मजदूर राजस्थान की सीमा पार कर मुरैना आए। इन्हें प्रशासन व पुलिस ने हाइवे पर स्थित एसआरडी कॉलेज में रखा। रात में कुछ मजदूर कॉलेज का गेट तोडकर व पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की कर खेतों के रास्ते भाग गए। जो मजदूर बचे उन्हें प्रशासन ने बस से छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ, सागर के अलावा उत्तरप्रदेश के झांसी, ललितपुर भेज दिया।
मुरैना एसडीएम आरएस बाकना का कहना था कि मजदूरों को राजस्थान में रोकना था और उन्हें क्वारंटाइन में रखना था, लेकिन राजस्थान ने मजदूरों को नहीं रोका। हमने तो उन्हें खाना खिलाया है और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद की है। राजस्थान की गलती है। हमारी नहीं है।