भोपाल.  मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव  से पहले कार्यकर्ता से लेकर नेताओं तक को खुश करने की कोशिश अब कांग्रेस में भारी पड़ने लगी है. उपचुनाव के लिए बड़े नेताओं की सिफारिशों पर जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर पीसीसी स्तर पर हुई नियुक्तियों पर पार्टी में भारी असंतोष है. शिकायतें इतनी ज़्यादा हैं कि पीसीसी चीफ कमलनाथ ने फिलहाल नयी नियुक्तियां रोक दी हैं. शिकायत ये है कि इन नियुक्तियों में स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं को तरजीह न देकर बड़े नेताओं की पसंद थोप दी गयी है.

संगठन में नियुक्तियों के बाद कांग्रेस में शिकायतों का दौर शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा शिकायतें ग्वालियर और चंबल इलाके से मिल रही हैं. नेताओं की सिफारिशों पर उनके समर्थकों को पार्टी में पद देने से स्थानीय नेता नाराज़ हो गए हैं. पूरा मामला पीसीसी चीफ कमलनाथ तक जा पहुंचा है. ग्वालियर चंबल के कार्यकर्ताओं ने जिला इकाइयों से लेकर प्रदेश कांग्रेस स्तर तक में हो रही नियुक्तियों को लेकर कमलनाथ को शिकायतें भेजी हैं.


इन लोगों के मुताबिक ग्वालियर चंबल इलाके में दिग्विजय सिंह, डॉक्टर गोविंद सिंह, के पी सिंह और दूसरे बड़े नेताओं की सिफारिशों पर नियुक्तियां हुई हैं. कुछ ऐसे चेहरों को भी पार्टी में पदाधिकारी बना दिया गया जिनका पार्टी में कोई वजूद नहीं है. कमलनाथ को इस बात की भी शिकायत मिली है कि सिंधिया समर्थक चेहरों को भी पार्टी में पदाधिकारी बनाया गया है. इसके बाद कमलनाथ ने अब जिला कांग्रेस इकाइयों से लेकर पीसीसी में पदाधिकारियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. पीसीसी चीफ अध्यक्ष ने संगठन को सलाह दी है कि जब तक जरूरी ना हो, तब तक कोई नयी नियुक्ति ना की जाए. विशेष परिस्थितियों में ही अब नियुक्तियां हो सकेंगी.

उप चुनाव से पहले नयी जिला इकाइयों में पदाधिकारियों को पदों से नवाज कर खुश करने की कवायद में कांग्रेस पार्टी जुटी रही. सागर, गुना, रायसेन, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, अशोकनगर जिले में सबसे ज्यादा पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं. सिर्फ डीसीसी और पीसीसी नहीं बल्कि कांग्रेस कमेटी से जुड़े संगठन प्रकोष्ठ और मोर्चा संगठनों में भी बड़े पैमाने पर नियुक्तियां कर दी गयीं. अब यही नियुक्तियां पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गई है ।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है, कि पीसीसी से लेकर जिला इकाइयों तक में नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं. अब और नयी नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. पीसीसी चीफ ने नियुक्तियों पर रोक लगाने के लिए कहा है. जरूरी होने पर ही अब संगठन में नियुक्तियां हो सकेंगी.


उप चुनाव से पहले नेता और कार्यकर्ताओं को खुश करने की कांग्रेस पार्टी की कोशिश अब उसके गले की फांस बन गयी है. संगठन को मजबूती देने के लिए जो नियुक्तियां की गयी थीं वही अब पार्टी को कमज़ोर कर रही हैं. साथ ही नेताओं को साधने के लिए जिन व्यक्तियों को कांग्रेस पार्टी में बड़े नेताओं की सिफारिश पर हरी झंडी दी गई, अब उनकी नियुक्तियों पर ही पार्टी के अंदर सवाल उठ रहे हैं.

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