इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण शुक्रवार को एक डॉक्टर सहित चार संक्रमितों ने दम तोड दिया। इसके साथ ही संक्रमण से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि शहर में 235 लोग संक्रमित पाए गए। शुक्रवार को जो मामले सामने आए उनमें 65 वर्षीय डॉक्टर के अलावा सत्यदेव नगर निवासी 52 साल के पुरुष का एमवाय अस्पताल में तीन दिन से इलाज चल रहा था। 8 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसी दिन उन्होंने दम तोड़ दिया था। वहीं, पिंजारा बाखल निवासी 65 साल के बुजुर्ग की 7 अप्रैल को मौत हो गई थी। उनकी 9 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी तरह जूना रिसाला निवासी 70 साल के बुजुर्ग की रिपोर्ट 9 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी और इसी दिन उन्होंने दम तोड दिया था। यानी दो बुजुर्गों की मौत 9 अप्रैल और एक की मौत 8 अप्रैल को हुई।
सीएमएचओ डाॅ. प्रवीण जडिया ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे 65 वर्षीय पूर्व जिला आयुष अधिकारी निवासी ब्रह्मबाग की मौत हो गई। वे धार में पोस्टेड थे। वर्तमान में निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। दो दिन पहले इन्हें अरविंदो में भर्ती किया गया था। इसके पहले इनका सात दिन तक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। दो दिन पहले इनकी पाॅजिटिव रिपोर्ट आई थी। किसी भी प्रकार की कांटेक्ट और ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। संभवतः अपने क्लीनिक में किसी मरीज के संपर्क में आने से ये संक्रमित हुए थे। डॉक्टर के अलावा तीन अन्य की भी मौत हुई है।
कोरोना के संदिग्ध लक्षण वालों मरीजों के उपचार के लिए जिला प्रशासन ने आठ अस्पतालों को यलो कैटेगरी में रखा है। इसमें चिकित्सकों की आ रही कमी को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने शासन द्वारा जारी एस्मा आदेश के तहत 36 डॉक्टरों की ड्यूटी अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए लगा दी है। जिले में पहली इस तरह के आदेश जारी हुए हैं। इन डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य करने के साथ ही इन सातों अस्पतालों में किसी भी डॉक्टर की अनुउपस्थिति को लेकर कलेक्टर ने साफ कहा है कि किसी की भी छुट्टी की मंजूरी कलेक्टर द्वारा ही जारी होगी।
मप्र शासन ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान किसी व्यक्ति के मध्यप्रदेश के अंदर या मध्यप्रदेश के बाहर कहीं भी जाने के लिए मंजूरी लिए जाने की भोपाल स्तर पर ई पास व्यवस्था लागू कर दी है। इसके लिए 0755-2411180 पर व्यक्ति फोन कर सकता है। इसमें किसी मौत की स्थिति, मेडिकल इमरजेंसी (हार्टअटैक, केंसर, स्ट्रोक, कैंसर डायग्नो, कीमोथेरेपी, डिलेवरी आदि) के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर स्तर पर जारी की ऑनलाइन व्यवस्था बंद कर दी है।