भोपाल । प्रदेश के मदरसों में भी अब बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलेगा। इसके अलावा आदिवासी परिवारों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए सरकार ने उनका कर्ज माफ करने का भी फैसला किया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये महत्वपूर्ण फैसले किए गए।

प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने आदिवासियों को साहूकारों के कर्ज के बोझ से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। ऐसे आदिवासी परिवार जिन्होंने साहूकारों से कर्ज लिया है, उनके कर्ज माफ किए जाएंगे। इसके लिए 15 अगस्त 2019 तक गैर लाइसेंसी साहूकारों ने जो भी कर्ज इन आदिवासियों को दिया है, वो शून्य होगा। सीएम कमलनाथ ने 15 अगस्त को छिंदवाड़ा में इस संंबंध में घोषणा की थी जिसपर अब कैबिनेट की मुहर लग गई है। फिलहाल ये योजना अनुसूचित क्षेत्रों यानि 89 आदिवासी विकासखंड में लागू होगी।

गौरतलब है कि सरकार ने 37 सालों बाद अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 में नई धारा जोड़ते हुए ये फैसला किया है। इससे पहले 1982 में एक बार के लिए कर्ज माफी की गई थी। फैसले के तहत बिना लाइसेंसधारी साहूकारों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के लोगों को दिया गया कर्ज शून्य होगा और साहूकार इस कर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे। यदि वे वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती या दबाव बनाएंगे तो उनपर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत 3 साल की सजा और एक लाख रुपए तक जुर्माना लगेगा। इसके अलावा लाइसेंसधारी साहूकार अपनी मर्जी से ब्याज दर तय नहीं कर सकेंगे। अब से ब्याज दर तय करने का अधिकार सरकार के हाथ में होगा।

सरकार ने बच्चों को मिलने वाले मध्यान्ह भोजन को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया है। वर्तमान में प्रदेश के एक लाख 13 हजार स्कूलों के 45 लाख से ज्यादा बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिलता है, इनमें लगभग साढ़े पांच हजार अनुदान प्राप्त व गैर अनुदान प्राप्त मदरसे भी शामिल हैं। इसका विस्तार करते हुए सरकार ने निजी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी मिड डे मील देने का फैसला किया है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में मुहर लगी। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसकी व्यवस्था करेगा। बता दें कि अभी अनुदान प्राप्त मदरसों में ही मध्यान्ह भोजन की सुविधा है।

बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग सरकारी नौकरियों में अधिकतम आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल करने का फैसले किया। ये फैसला सीधी भर्तियों और MPPSC की भर्तियों में लागू होगा। इसके अलावा तिलहन संघ के कर्मचारियों के संविलियन की अवधि को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी।

कैबिनेट में करीब एक दर्जन अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा और सहमति बनीं। बैठक में इंदिरा ज्योति योजना में संशोधन के प्रस्ताव पर भी फैसला हुआ। इसके तहत संबल योजना के उपभोक्ताओं को इंदिरा ज्योति योजना से अलग किया जाएगा। इसमें 150 यूनिट बिजली की खपत वाले शहरी और ग्रामीण उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली के सिर्फ 100 रुपए ही देने होंगे। इसके ऊपर 50 यूनिट पर सामान्य दर लागू होगी। बीपीएल, एपीएल, एससी-एसटी, ओबीसी या कोई और बंधन इस योजना में लागू नहीं होगा।

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