भोपाल । मध्य प्रदेश का सियासी घमासान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। जयपुर में रखे गए कांग्रेस के 82 विधायक रविवार को पांचवें दिन भोपाल आ गए। एयरपोर्ट से विधायकों को सीधे सीएम हाउस ले जाया जा रहा है। आज शाम को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक है। संभावना है कि सोमवार को कांग्रेस विधायकों को सीएम हाउस से ही विधानसभा ले जाया जाएगा। राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। कांग्रेस के सभी विधायक 11 मार्च को जयपुर भेजे गए थे।
भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार सुबह कहा कि प्रदेश की राजनीति में कुहासे के बादल छंटते जा रहे हैं और आज शाम को पूरे बादल छंट जाएंगे। उन्होंने कवि दुष्यंत की कविता का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मत कहो, आकाश में कुहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।’ उन्होंने 6 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार से विधायकों को नोटिस दिए थे, उसी तरह से कार्रवाई की है। संभावना है कि अध्यक्ष आज भी कुछ निर्णय ले सकते हैं। शाम तक काफी कुछ स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
इधर, विधायक दल के मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने पूरे सत्र के लिए व्हिप जारी किया है। इससे अब कांग्रेस विधायकों को सत्र के दौरान पूरे समय उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। उधर, भाजपा विधायक दल की बैठक भी रविवार को हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में हैं। इधर, गुड़गांव के मानेसर में एक रिजॉर्ट में ठहरे भाजपा विधायकों को भी रविवार को भोपाल लाया जा सकता है। बेंगलुरु से ज्योतिरादित्य समर्थक कांग्रेस विधायकों को भी कल विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भोपाल लाए जाने की संभावना है।
इधर, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शनिवार को कांग्रेस के सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। दोनों ही हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
जिन 16 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उन पर स्पीकर को फैसला लेना बाकी है। अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो 16 और विधायकों की सदस्यता चली जाएगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। 6 इस्तीफे मंजूर होने के बाद अब उन्हें रिक्त घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।