भोपाल । मतदान के लिए लाइन में खड़े होने की जगह छुट्टी मनाने वालों को चुनाव से जोड़ने के लिए देश में पहली बार ई-क्यू लैस (लाइन रहित) मतदान केंद्र बनेगा। यहां ई-क्यू लैस पंजीकृत मतदाता को मतदान के लिए समय आवंटित हो जाएगा। निर्धारित अवधि में वो आकर बिना लाइन में लगे अपना पंजीयन दिखाकर मतदान कर सकेगा। यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर सिर्फ राजधानी भोपाल के एक मतदान केंद्र में रहेगी। वहीं, हर जिले में क्यू लैस मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। इनमें मतदान के लिए टोकन दिए जाएंगे। जिन्हें टोकन मिलेंगे, उन्हें बाकायदा मतदान केंद्र के प्रतीक्षालय में बिठाया जाएगा और बारी-बारी से मतदान का मौका मिलेगा।

देश में पहली बार होगा प्रयोग

-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को सुविधा देने की रणनीति बनाई है। देश में पहली बार घर बैठे मतदान के लिए समय तय करने की व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके लिए ई-क्यू लेस मतदान केंद्र बनेगा। इस सुविधा के लिए मतदाता को क्यूलेस एप पर पंजीयन कराना होगा।

पंजीयन के बाद मिलेगा टोकन

-पंजीयन के दौरान मतदाता से आने का समय पूछा जाएगा। जो समय वह नियत करेगा, उस अवधि के लिए उसका पंजीयन कर प्राथमिकता टोकन दे दिया जाएगा। तय अवधि आधे घंटे की रहेगी। यदि इस अवधि में मतदाता नहीं पहुंचता है तो उसे सामान्य मतदाता की तरह लाइन में लगकर मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार करना होगा। क्यू लेस और सामान्य मतदाता के लिए आधा-आधा घंटे का चक्र चलेगा। घर के अलावा मतदान केंद्र के बाहर बूथ लेवल ऑफिसर भी मौजूद रहेगा, जो टोकन देने का काम करेगा।

दो दिन होगा पंजीयन

पंजीयन 24 और 25 नवंबर को होगा। यदि प्रयोग सफल रहता है तो लोकसभा चुनाव में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा दिव्यांग, गर्भवती और धात्रीमाताओं को बिना लाइन में लगे मतदान का मौका दिया जाएगा। इसके लिए अभी तक साढ़े तीन लाख पंजीयन भी हो चुके हैं।

हर जिले में होंगे क्यू-लैस मतदान केंद्र

जानकारी के अनुसार हर जिले में क्यू लैस मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। भोपाल में इनकी संख्या पांच तक हो सकती है। इन केंद्रों में मतदान के लिए टोकन दिए जाएंगे। एक बार में पांच व्यक्तियों को मतदान के लिए भेजा जाएगा, ताकि जब एक मतदान कर रहा हो तो दूसरे का नाम दर्ज हो रहा हो और बाकी के साथ प्रक्रिया चल रही हो। इसके लिए बाकायदा क्यू लैस प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। जिला प्रशासन के स्तर पर इसकी व्यवस्था जमाई जा रही है। संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विकास नरवाल ने बताया कि इसके लिए ऐसे स्थानों का चयन किया जा रहा है, जहां बड़ी सोसायटी हों।

क्यू-लैस का प्रयोग नीमच में हुआ था

संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विकास नरवाल ने बताया कि देश में क्यू लैस मतदान केंद्र बनाने का प्रयोग 2013 के विधानसभा चुनाव में हुआ था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इसे अजमाया गया। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 2014-15 के स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान कटनी में इसका प्रयोग किया। इलेक्ट्रॉनिक पद्धति का इस्तेमाल सबसे पहले तमिलनाडू में हुआ था पर घर बैठकर मतदान के लिए स्वयं समय तय कर सकते हैं।

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